Sale!
भोज संहिता केतु खण्‍ड -0
भोज संहिता केतु खण्‍ड -0
भोज संहिता केतु खण्‍ड -0

भोज संहिता केतु खण्‍ड

Original price was: ₹300.00.Current price is: ₹299.00.

पुस्तक के बारे में

केतु ग्रह एक छाया ग्रह है। यह दैत्यराज, असुराधिपति राहु का धड़ भाग है । इसका रंग धूम्र है। राहु सर्प का मुख है तो केतु सर्प की पूंछ है। अतः इसे Dragon Tail कहते हैं। सूर्य-चंद्र ग्रहण केतु के कारण ही होते हैं। ग्रहण काल में पृथ्वी के दक्षिणी ध्रुव (South node) को केतु कहते हैं, यह इसका वैज्ञानिक पक्ष है। केतु का प्रतीक ध्वजा (Flag) है। केतु व्यक्ति के सर्वनाश, कार्य में अवरोधक बाधा व अरिष्ट का द्योतक है तो साथ ही लालबत्ती की गाड़ी, पद-प्रतिष्ठा, अधिकार, कीर्ति, युद्ध में विजय केतु दिलाता है। अतः इस हेतु लिखा गया ‘केतु खंड’ यहां
प्रस्तुत है ।
है बारह लग्न एवं बारह भावों में केतु की स्थिति को लेकर 144 प्रकार की जन्मकुंडलियां अकेले केतु को लेकर बनीं। इसमें केतु की अन्य ग्रहों के साथ युति को लेकर भी चर्चा की गई है। फलतः 144 9 ग्रहों का गुणा करने पर कुल 1,296 प्रकार से केतु की स्थिति पर फलादेश की चर्चा इस ग्रंथ में मिलेगी ।
पूर्वाचार्यों के सप्रमाण मत के अलावा इस पुस्तक का ‘उपचार खंड’ सबसे अधिक महत्त्वपूर्ण है। जिसमें प्रतिकूल केतु को अनुकूल बनाने के लिए वैदिक, पौराणिक, तांत्रिक, लाल किताब व अन्य अनुभूत सरल टोटके, रत्नोपचार व प्रार्थनाएं दी गई हैं। जिससे तत्त्वग्राही, प्रबुद्ध पाठकों के लिए यह पुस्तक अनमोल वरदान साबित हो गई। पीड़ित मानवता के कष्टों को दूर करने की श्रृंखला में लोककल्याण की उत्तम भावना को लेकर डॉ. भोजराज द्विवेदी द्वारा परिश्रमपूर्वक लिखे गए ऐसे उत्कृष्ट साहित्य को प्रकाशित करते हुए हमें गर्व का अनुभव हो रहा है ।

लेखक के बारे में

इस पुस्तक के सहलेखक पं. रमेश भोजराज द्विवेदी ने अल्प समय में ही ज्योतिष, वास्तुशास्त्र, हस्तरेखा, अंकविद्या आदि के क्षेत्र में विशेष ख्याति अर्जित की है। भारत की कई प्रसिद्ध हस्तियां, राजनेता, फिल्म सितारे, क्रिकेट खिलाड़ी द्विवेदी जी से नियमित ज्योतिषीय परामर्श व मार्गदर्शन लेते रहते हैं। रमेश जी के द्वारा की गई सार्वजनिक महत्व की भविष्यवाणियां वक़्त की कसौटी पर खरी उतर चुकी हैं।

भोज संहिता केतु खंड में केतु ग्रह का क्या महत्व है?

इस ग्रंथ में केतु ग्रह के प्रभाव, उसकी भूमिका और जीवन में आने वाले परिवर्तनों का विश्लेषण किया गया है।

भोज संहिता केतु खंड का अध्ययन क्यों किया जाना चाहिए?

इस पुस्तक से केतु ग्रह के गहरे प्रभावों का ज्ञान मिलता है, जो ज्योतिष के क्षेत्र में मार्गदर्शन के रूप में सहायक है।

क्या भोज संहिता केतु खंड ज्योतिष के छात्रों के लिए उपयोगी है?

हां, यह पुस्तक ज्योतिष के छात्रों और खगोलशास्त्र में रुचि रखने वाले शोधकर्ताओं के लिए अत्यंत उपयोगी है।

केतु ग्रह के अध्ययन में भोज संहिता कैसे सहायक है?

यह पुस्तक केतु ग्रह के ज्योतिषीय पहलुओं को उजागर करती है, जो केतु के प्रभाव को समझने और जीवन में उसके महत्व को जानने में सहायक है।

केतु ग्रह का जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है?

केतु ग्रह को जीवन में रहस्यमय, आध्यात्मिक और कभी-कभी नकारात्मक प्रभावों से जोड़कर देखा जाता है। यह अशुभ स्थिति में हो तो जीवन में कठिनाइयां ला सकता है, और अनुकूल स्थिति में व्यक्ति को गहरे आध्यात्मिक और मानसिक अनुभव प्रदान करता है।

Additional information

Weight 320 g
Dimensions 21.6 × 14 × 1.5 cm
Author

Bhojraj Dwivedi

ISBN

8128810812

Pages

272

Format

Paper Back

Language

Hindi

Publisher

Diamond Books

ISBN 10

8128810812

“भोज संहिता केतु खंड एक विशिष्ट ज्योतिष ग्रंथ है, जिसमें केतु ग्रह के प्रभाव और इसके गूढ़ रहस्यों का गहन विश्लेषण किया गया है। इस पुस्तक में केतु के जीवन में विभिन्न पहलुओं पर प्रभाव और इसे नियंत्रित करने के उपाय दिए गए हैं। खगोलशास्त्र के क्षेत्र में रुचि रखने वाले छात्रों और शोधकर्ताओं के लिए यह एक महत्वपूर्ण स्रोत है, जो केतु ग्रह के बारे में व्यापक जानकारी प्रदान करता है। केतु के प्रभाव को समझने के लिए यह पुस्तक अत्यंत महत्वपूर्ण है।” ISBN: 8128810812

ISBN10-8128810812

SKU 9788128810817 Categories , , Tags ,