पुस्तक के बारे में
ग्रहों की सभा में बुध ग्रह राजकुमार के पद को धारण किए हुए है। यह बुद्धि- प्रदाता ग्रह है। बुध व्यापार प्रिय है । व्यापार-व्यवसाय में लाभ-हानि, विद्याध्ययन, डॉक्टरी लाइन, कंप्यूटर – लाइन, गणित विद्या, प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता-असफलता का पता जन्मकुंडली में बुध ग्रह की स्थिति को देखकर ही चलता है। अतः प्रस्तुत पुस्तक अकेले बुध ग्रह को लेकर लिखी गई है ।
बारह लग्न एवं बारह भावों में बुध की स्थिति को लेकर 144 प्रकार की जन्मकुंडलियां अकेले बुध को लेकर बनीं। इसमें बुध की अन्य ग्रहों के साथ युति को लेकर भी चर्चा की गई है । फलतः 144 x 9 ग्रहों का गुणा करने पर कुल 1296 प्रकार से बुध की स्थिति पर फलादेश की चर्चा इस ग्रंथ में मिलेगी ।
पूर्वाचार्यों के सप्रमाण मत के अलावा इस पुस्तक का उपचार खंड सबसे अधिक महत्त्वपूर्ण है। जिसमें प्रतिकूल बुध को अनुकूल बनाने के लिए वैदिक, पौराणिक, तांत्रिक, लाल किताब व अन्य अनुभूत सरल टोटके, रत्नोपचार व प्रार्थनाएं दी गई हैं। जिससे तत्त्वग्राही, प्रबुद्ध पाठकों के लिए यह पुस्तक अनमोल वरदान साबित हो गई है।
लेखक के बारे में
इस पुस्तक के सहलेखक पं. रमेश भोजराज द्विवेदी ने अल्प समय में ही ज्योतिष, वास्तुशास्त्र, हस्तरेखा, अंकविद्या आदि के क्षेत्र में विशेष ख्याति अर्जित की है। भारत की कई प्रसिद्ध हस्तियां, राजनेता, फिल्म सितारे, क्रिकेट खिलाड़ी द्विवेदी जी से नियमित ज्योतिषीय परामर्श व मार्गदर्शन लेते रहते हैं। रमेश जी के द्वारा की गई सार्वजनिक महत्व की भविष्यवाणियां वक़्त की कसौटी पर खरी उतर चुकी हैं।
भोज संहिता बुध खंड किस प्रकार के पाठकों के लिए उपयुक्त है?
यह पुस्तक ज्योतिष विद्या में रुचि रखने वाले छात्रों, शोधकर्ताओं और ज्योतिष के गहन ज्ञान की खोज करने वाले सभी पाठकों के लिए उपयुक्त है।
भोज संहिता बुध खंड में बुध ग्रह का क्या महत्व है?
इस ग्रंथ में बुध ग्रह के जीवन पर प्रभाव, इसके विभिन्न पहलुओं और ऊर्जा का विश्लेषण किया गया है, जो ज्योतिष शास्त्र में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
क्या भोज संहिता बुध खंड पुस्तक का अध्ययन करने के लिए ज्योतिष का पूर्व ज्ञान आवश्यक है?
नहीं, यह पुस्तक शुरुआत करने वालों और विशेषज्ञों दोनों के लिए उपयोगी है, क्योंकि इसमें सरल और जटिल दोनों तरह के विषयों का समावेश है।
भोज संहिता का रचनाकार कौन है?
भोज संहिता के रचनाकार राजा भोज हैं, जो भारतीय खगोलशास्त्र और ज्योतिष में गहरी रुचि रखते थे और इसी के आधार पर उन्होंने इस ग्रंथ का निर्माण किया।
भोज संहिता बुध खंड के अध्ययन से क्या लाभ है?
इस पुस्तक से ग्रहों की चाल, उनके प्रभाव, और ज्योतिषीय गणनाओं का गहन ज्ञान प्राप्त होता है, जिससे व्यक्ति अपने जीवन के विभिन्न पहलुओं को समझ सकता है।
भोज संहिता बुध खंड में कौन-कौन से ज्योतिषीय सूत्र शामिल हैं?
इस ग्रंथ में बुध ग्रह से संबंधित कई प्रकार के ज्योतिषीय सूत्र, गणनाएं, और विधाएं शामिल हैं जो इसके महत्व और प्रभाव को समझाने में सहायक हैं।