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चाचा चौधरी राका का आतंक भारतीय कॉमिक्स का एक रोमांचक अध्याय है, जिसमें चाचा चौधरी और साबू एक खतरनाक और शक्तिशाली खलनायक राका से जूझते हैं। राका, जो एक सामान्य इंसान था, अपने लालच और क्रोध के कारण अमर और बेहद ताकतवर बन गया। अब, वह अपनी शक्ति का उपयोग समाज में अराजकता फैलाने और निर्दोष लोगों को डराने के लिए करता है।कहानी की शुरुआत राका के आतंक से होती है, जहां वह अपने दुश्मनों को हराने और अपने शासन की घोषणा करने की योजना बनाता है। लेकिन चाचा चौधरी, जिनका दिमाग कंप्यूटर से भी तेज है, और साबू, जो बृहस्पति से आया ताकतवर दानव है, राका के रास्ते में खड़े हो जाते हैं।चाचा चौधरी अपनी चालाकी और वैज्ञानिक समझ से राका की कमजोरियों को पहचानते हैं और एक-एक करके उसकी योजनाओं को विफल करते हैं। साबू, जो अपनी ताकत और निडरता के लिए प्रसिद्ध है, राका के खिलाफ शारीरिक लड़ाई में चाचा चौधरी का समर्थन करता है।कहानी में कई दिलचस्प मोड़ हैं, जैसे राका की अमरता को चुनौती देने वाले समाधान, चाचा चौधरी के दिमागी खेल, और साबू की अजेय ताकत। इसके अलावा, कहानी में हास्य और चतुराई का अद्भुत मेल इसे बच्चों और वयस्कों दोनों के लिए पढ़ने योग्य बनाता है।”चाचा चौधरी राका का आतंक” न केवल एक मनोरंजक कहानी है, बल्कि यह बुद्धिमत्ता, साहस, और टीमवर्क के महत्व को भी रेखांकित करती है। यह कहानी दिखाती है कि कैसे एक तेज दिमाग और मजबूत इरादे सबसे कठिन समस्याओं का समाधान कर सकते हैं।यह रोमांचक और प्रेरणादायक कॉमिक्स चाचा चौधरी और उनके प्रशंसकों के बीच एक खास जगह बनाए रखती है। चाहे आप पहली बार पढ़ रहे हों या इसे दोबारा पढ़ रहे हों, “राका का आतंक” आपको हर बार रोमांचित करेगा।
प्राण ने अपने बचपन में सब्जी के एक लिफाफे पर कार्टून बना देखा। जिससे उन्हें कार्टून बनाने की प्रेरणा मिली। वह वास्तव में स्कूल में अपने ड्राईंग-अध्यापक से प्रभावित हुए, जिनका अगूंठा नहीं था, इसके बावजूद वह अत्यन्त सुंदर चित्र बनाते थे। वह दोपहर में केवल आधे घंटे की झपकी लेते थे। प्राण के सात भाई-बहन थे। उन्हें अपनी मां द्वारा चूल्हे पर पकाई जाने वाली रोटी अत्यन्त प्रिय थी। करारी और बढ़िया पकी हुई रोटी…। प्राण को भगवान पर कभी यकीन नहीं रहा। वह कभी मंदिर प्रार्थना करने या दर्शन करने के लिए नहीं गए। उन्हें केवल मानवता में भरोसा था। सर जे.जे. स्कूल ऑफ आर्टस् से विशेष योग्यता द्वारा डिग्री प्राप्त करने के बाद भी उन्हें किसी स्कूल में ड्राईंग अध्यापक के रूप में नौकरी नहीं मिली। इसी कारण उन्होंने कार्टून बनाना आरंभ किया और एक परंपरा का निर्माण किया। वह शायद एकमात्र ऐसे कार्टूननिस्ट रहे, जिन्होंने 20 से अधिक कार्टून चरित्रों की रचना की और उनके कार्टून की श्रृंखला प्रति सप्ताह विभिन्न समाचार-पत्रों में नियमित चलती रही। जिसे वह आसानी से निभाते रहे।
चाचा चौधरी एक बेहद लोकप्रिय भारतीय कॉमिक्स पुस्तक के चरित्र हैं, जिसकी रचना दिवंगत कार्टूनिस्ट प्राण कुमार शर्मा ने की थी। उनकी कॉमिक्स हिंदी एवं अंग्रेज़ी समेत अन्य दस भारतीय भाषाओं के साथ प्रकाशित होती है और दस करोड़ से अधिक प्रतियों की बिक्री होती है। यह यकीनन भारत की सबसे ज्यादा बिकने वाली कॉमिक्स पुस्तक है।
मुख्य पात्रों में चाचा चौधरी, साबू, और राका शामिल हैं।
चाचा चौधरी राका का आतंक कॉमिक्स भरपूर रोमांच, सस्पेंस और हास्य है।
राका एक शक्तिशाली और खतरनाक अपराधी है, जो अपनी ताकत और निर्दयता से आतंक फैलाता है।
चाचा चौधरी के कार्टूनिस्ट प्राण थे. प्राण ने अपने पब्लिकेशन ब्रांड डायमंड कॉमिक्स की स्थापना की थी.
Weight | 0.320 g |
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Dimensions | 20.32 × 12.7 × 1.77 cm |
Author | Pran |
Pages | 48 |
Format | Hardcover |
Language | Hindi |
Publisher | Diamond Toons |
चाचा चौधरी राका का आतंक एक धमाकेदार और साहसिक कहानी है,पद्मश्री प्राण मॉरिस हार्न, वर्ल्ड एन्सायक्लोपीडिया ऑफ कॉमिक्स के एडिटर ने कार्टूनिस्ट प्राण को ‘वाल्ट डिज्नी ऑफ इंडिया’ कहा है। उनकी कॉमिक्स पीढ़ी दर पीढ़ी बढ़ते हुए नौजवानों की हमेशा साथी रही हैं। उन्होंने अपने कैरेक्टर्स ‘चाचा चौधरी, साबू, श्रीमतीजी, पिंकी, बिल्लू, रमन’ इत्यादि के मनोरंजन का भरपूर लुत्फ उठाया है। उनके 600 से ज्यादा टाइटल्स मार्केट में बिक रहे हैं और दर्जनों स्ट्रिप्स न्यूज पेपर्स में छप रहे हैं। चाचा चौधरी पर आधारित एक टी. वी. सीरियल के लगातार 600 एपिसोड तक एक प्रमुख चैनल पर दिखाए गए। विश्व के कई देशों का भ्रमण कर चुके, प्राण को ‘लिमका बुक ऑफ रिकॉर्ड्स’ ने ‘पीपुल ऑफ द ईयर अवार्ड’ से सम्मानित किया है। 1983 में उनकी कॉमिक बुक-‘रमन, हम एक हैं’ का विमोचन तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी ने किया।
ISBN10-: 9363241041
Chacha Choudhary Comics, Books, Diamond Books