₹150.00 Original price was: ₹150.00.₹149.00Current price is: ₹149.00.
Product Description
आध्यात्मिक विकास भौतिक विकास के बाद का चरण है। पहले से नहीं हो सकता। व्यक्तिगत रूप से हो सकता है, एकाध आदमी कर सकता है। लेकिन बड़ी कठिन तपश्चर्या से गुजरना पड़े। तपश्चर्या इसलिए करनी पड़ती है वह, कि वह एक बिल्कुल प्रकृति के नियम के प्रतिकूल काम करने की कोशिश कर रहा है। मेरा मानना है कि शरीर पहले है, आत्मा पीछे है। भौतिक पहले है, अध्यात्म पीछे है। और जिसका शरीर अभी अशांत है और परेशान और पीड़ित है, वह आत्मा की बात सोच भी नहीं सकता। और जिसके जीवन में अभी भौतिक सुविधा के लिए हम सामान्य इंतजाम नहीं कर पाए, उसके अध्यात्म की बातें अभी तक अभी की बातें हैं। वह मार्क्स ने ठीक कहा है। वह सिर्फ दुःख को भुलाने के लिए अध्यात्म की बातें कर रहा है।
तो मेरी मान्यता यह है, मेरा जोर है इस बात पर कि भौतिकता की पूर्णता से व्यवस्था होनी चाहिए। लेकिन आप यह मत सोचना कि मेरा लक्ष्य भौतिकता है। जोर मेरा भौतिकवाद पर है और लक्ष्य मेरा अध्यात्मवाद है
About The Author
ओशो एक ऐसे आध्यात्मिक गुरू रहे हैं, जिन्होंने ध्यान की अतिमहत्वपूर्ण विधियाँ दी। ओशो के चाहने वाले पूरी दुनिया में फैले हुए हैं। इन्होंने ध्यान की कई विधियों के बारे बताया तथा ध्यान की शक्ति का अहसास करवाया है।
हमें ध्यान क्यों करना चाहिए? ध्यान क्या है और ध्यान को कैसे किया जाता है। इनके बारे में ओशो ने अपने विचारों में विस्तार से बताया है। इनकी कई बार मंच पर निंदा भी हुई लेकिन इनके खुले विचारों से इनको लाखों शिष्य भी मिले। इनके निधन के 30 वर्षों के बाद भी इनका साहित्य लोगों का मार्गदर्शन कर रहा है।
ओशो दुनिया के महान विचारकों में से एक माने जाते हैं। ओशो ने अपने प्रवचनों में नई सोच वाली बाते कही हैं। आचार्य रजनीश यानी ओशो की बातों में गहरा अध्यात्म या धर्म संबंधी का अर्थ तो होता ही हैं। उनकी बातें साधारण होती हैं। वह अपनी बाते आसानी से समझाते हैं मुश्किल अध्यात्म या धर्म संबंधीचिंतन को ओशो ने सरल शब्दों में समझया हैं।
u0022चेत सको तो चेतोu0022 पुस्तक का मुख्य संदेश आत्म-जागरूकता और चेतना को विकसित करना है। यह पुस्तक हमें जागरूकता के महत्व और जीवन में सचेत होकर निर्णय लेने की प्रेरणा देती है।
u0022चेत सको तो चेतोu0022 पुस्तक में बताया गया है कि जीवन में हर कदम पर सचेत रहना आवश्यक है, ताकि हम सही समय पर सही निर्णय ले सकें और जीवन को बेहतर बना सकें।
यह पुस्तक जीवन की उन समस्याओं का समाधान प्रस्तुत करती है, जो अनजाने में या अचेत अवस्था में किए गए निर्णयों से उत्पन्न होती हैं। यह हमें सचेत होकर जीवन जीने और अपने कर्मों के प्रति जागरूक रहने का मार्ग दिखाती है।
u0022चेत सको तो चेतोu0022 पुस्तक का उद्देश्य लोगों को आत्म-जागरूकता और जीवन के प्रति सजगता की ओर प्रेरित करना है, ताकि वे जीवन के हर पहलू में संतुलन और स्पष्टता प्राप्त कर सकें।
पाठकों को इस पुस्तक से यह सीखने को मिलता है कि जीवन में हर क्षण को सचेत रहकर जीना चाहिए, ताकि हम अपनी गलतियों से बच सकें और सही दिशा में आगे बढ़ सकें।
इस पुस्तक का पाठक वर्ग वे लोग हो सकते हैं जो जीवन में जागरूकता और आत्म-जागरूकता को महत्व देते हैं। यह विशेष रूप से उन व्यक्तियों के लिए है जो आध्यात्मिक विकास की दिशा में अग्रसर हैं और अपने जीवन में संतुलन चाहते हैं।
Weight | 150 g |
---|---|
Dimensions | 19.8 × 12.9 × 0.2 cm |
Author | Osho |
ISBN | 8128803824 |
Pages | 104 |
Format | Paperback |
Language | Hindi |
Publisher | Diamond Books |
ISBN 10 | 8128803824 |
चेत सको तो चेतो एक आत्मिक पुस्तक है जो जीवन में जागरूकता और सतर्कता का महत्व बताती है। यह कृति हमें चेतना की गहराई से जुड़ने और अपने भीतर की शक्तियों को पहचानने का संदेश देती है। जीवन के अनुभवों और चुनौतियों को समझने के लिए यह किताब एक सशक्त मार्गदर्शिका है। इसमें हमें बताया गया है कि अगर हम सही समय पर जागरूक हो जाएं, तो जीवन में बड़ा परिवर्तन ला सकते हैं।
ISBN: 9390088569
ISBN10-9390088569
Books, Diamond Books, Mind & Body