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उनके शब्द निपट जादू हैं__ -अमृता प्रीतम”भारत ने अब तक जितने विचारक पैदा किए हैं, वे उनमें सबसे मौलिक, सबसे उर्वर, सबसे स्पष्ट और सर्वाधिक सजनशील विचारक थे। उनके जैसा कोई व्यक्ति हम सदियों तक न देख पाएंगे। ओशो के जाने से भारत ने अपने महानतम सपूतों में से एक खो दिया है। विश्वभर में जो भी खुले दिमाग वाले लोग हैं, वे भारत की इस हानि के भागीदार होंगे।”खुशवंत सिंह सुविख्यात पत्रकार एवं लेखक
About The Author
ओशो एक ऐसे आध्यात्मिक गुरू रहे हैं, जिन्होंने ध्यान की अतिमहत्वपूर्ण विधियाँ दी। ओशो के चाहने वाले पूरी दुनिया में फैले हुए हैं। इन्होंने ध्यान की कई विधियों के बारे बताया तथा ध्यान की शक्ति का अहसास करवाया है।हमें ध्यान क्यों करना चाहिए? ध्यान क्या है और ध्यान को कैसे किया जाता है। इनके बारे में ओशो ने अपने विचारों में विस्तार से बताया है। इनकी कई बार मंच पर निंदा भी हुई लेकिन इनके खुले विचारों से इनको लाखों शिष्य भी मिले। इनके निधन के 30 वर्षों के बाद भी इनका साहित्य लोगों का मार्गदर्शन कर रहा है।ओशो दुनिया के महान विचारकों में से एक माने जाते हैं। ओशो ने अपने प्रवचनों में नई सोच वाली बाते कही हैं। आचार्य रजनीश यानी ओशो की बातों में गहरा अध्यात्म या धर्म संबंधी का अर्थ तो होता ही हैं। उनकी बातें साधारण होती हैं। वह अपनी बाते आसानी से समझाते हैं मुश्किल अध्यात्म या धर्म संबंधीचिंतन को ओशो ने सरल शब्दों में समझया हैं।
“एक साधे सब सधे” पुस्तक किस प्रकार से जीवन को सरल और संगठित बनाने में सहायक है?
“एक साधे सब सधे” पुस्तक जीवन में प्राथमिकताओं को तय करने, एक स्पष्ट दृष्टिकोण रखने, और अनावश्यक जटिलताओं से बचने की दिशा में मार्गदर्शन करती है, जिससे जीवन अधिक संगठित और सरल हो जाता है।
“एक साधे सब सधे” पुस्तक में लेखक ने किस प्रकार से एकाग्रता और ध्यान केंद्रित करने की विधियाँ बताई हैं?
“एक साधे सब सधे” पुस्तक में लेखक ने एकाग्रता की शक्ति और जीवन में सफलता पाने के लिए ध्यान केंद्रित करने की तकनीकों पर विस्तृत चर्चा की है, जिससे पाठक अपने लक्ष्यों की प्राप्ति कर सकें।
“एक साधे सब सधे” पुस्तक को किस प्रकार के पाठकों के लिए अनुशंसित किया गया है?
यह पुस्तक उन लोगों के लिए अनुशंसित है जो जीवन में आत्म-अनुशासन, प्राथमिकताओं को तय करना, और एक निश्चित लक्ष्य की ओर बढ़ने की इच्छा रखते हैं। यह व्यावसायिक, व्यक्तिगत और आध्यात्मिक विकास के लिए उपयुक्त है।
“एक साधे सब सधे” पुस्तक के माध्यम से पाठक किस प्रकार का आत्म-विकास कर सकते हैं?
“एक साधे सब सधे” पुस्तक पाठकों को आत्म-अनुशासन, धैर्य, और आत्म-साक्षात्कार की दिशा में प्रेरित करती है, जिससे वे जीवन में एक मजबूत मानसिकता और स्पष्ट दृष्टिकोण प्राप्त कर सकते हैं।
“एक साधे सब सधे” पुस्तक में एकाग्रता का क्या महत्व है?
“एक साधे सब सधे” पुस्तक में एकाग्रता को सफलता और संतुलित जीवन का मूलमंत्र बताया गया है। लेखक ने इस पर जोर दिया है कि ध्यान केंद्रित करने से बड़े से बड़े कार्य आसानी से सिद्ध हो सकते हैं।
“एक साधे सब सधे” पुस्तक से पाठकों को क्या सीखने को मिलता है?
इस पुस्तक से पाठक यह सीखते हैं कि जीवन में एक ही लक्ष्य को साधने से सभी अन्य जटिलताएँ सरल हो जाती हैं। यह सिखाती है कि सफलता और संतुलन प्राप्त करने के लिए एक मुख्य दिशा में ध्यान केंद्रित करना आवश्यक है।