किताब के बारे में
दादा-दादी की कहानियां-: एक वह समय था, जब बच्चे दादा-दादी, नाना-नानी के पास अक्सर जाया करते थे। खेल-खेल में वे जीवन के सुंदर मूल्यों को ग्रहण कर लिया करते थे। पर आज जब व्यस्तताएं बढ़ती जा रही हैं, ऐसे समय में ये कहानियां ही हैं, जो हमें आने वाली पीढ़ी के और निकट ला सकती हैं। रात को सोने से पहले के वे पल, जब हम और हमारे लाडले साथ-साथ कहानियों का आनंद उठाते हैं, अमूल्य होते हैं। इन्हीं पलों में अनजाने ही हमारे बीच का प्यार और प्रगाढ़ होता जाता है और बच्चे सीख जाते हैं, जीवन का सबसे पहला मूल्य-संबंधों की मधुरता का मूल्य ।हर कहानी को एक छोटे बच्चे की आंखों से देखने की कोशिश की गई है। चाहा है कि हर कहानी को एक बच्चे के कानों से सुना जाए और एक बच्चे के मन से समझा जाए । कोशिश की गई है कि ऐसा कोई भी शब्द, जो उनके कोमल मन को चुभे, इन कहानियों के माध्यम से उनके कानों तक न पहुंचे। यहां प्रयास रहा है कि हर कहानी को एक सकारात्मक अंत मिले, जिससे कि बच्चों के स्वप्नों को मिले एक सार्थक आरंभ ।
दादा-दादी की कहानियां पुस्तक किस बारे में है?
यह पुस्तक बच्चों के लिए नैतिक शिक्षा और जीवन के मूल्यों पर आधारित प्रेरणादायक कहानियों का संग्रह है।
दादा-दादी की कहानियां पुस्तक में किस प्रकार की कहानियां शामिल हैं?
पुस्तक में नैतिकता, प्रेम, धैर्य, ईमानदारी और साहस पर आधारित कहानियां शामिल हैं।
दादा-दादी की कहानियां पुस्तक में कहानियों को बच्चों की नजर से देखने का क्या अर्थ है?
इसका अर्थ है कि कहानियों को बच्चों की समझ और उनकी भावनाओं के अनुरूप प्रस्तुत करना।
कहानियों का सकारात्मक अंत क्यों आवश्यक है?
सकारात्मक अंत से बच्चों के मन में आशा और विश्वास का संचार होता है।
कहानियों के माध्यम से बच्चे रिश्तों को कैसे समझते हैं?
कहानियों में रिश्तों के चित्रण से बच्चे प्रेम, सम्मान और सहयोग का महत्व समझते हैं।