Product Description
ओशो अद्वैत का माधुर्य हैं, समग्रता का सौंदर्य हैं; जगत के समस्त विरोधाभासों का काव्य हैं। उनका होना, न-होने को अपने में समाहित किये हुए है। वे शून्य हैं और पूर्ण भी। वे स्वयं संदेश हैं- अनादि के, अनंत के, सनातन के, भगवत्ता के। उनकी प्रत्येक भाव-भंगिमा बड़ी अनूठी और मधुरिमा युक्त है। उनका चलना होता है तो जैसे स्वयं नृत्य झंकृत हो रहा है। उनका बैठना होता है तो मानो अस्तित्व और अनस्तित्व मिलकर सूक्ष्म संगीत का सुमधुर ताना-बाना बुन रहे हैं। उनका उठना होता है तो जैसे अनाहत की आहट हो रही है। उनका मुखर होना होता है तो जैसे अमृत-वाणी का प्रबल प्रवाह चला आ रहा है। वे पलकें बंद करते हैं, तो मानो अनंत अस्तित्व की लीला में समा रहे हैं। वे पलकें खोलते हैं तो जैसे सागर लहरों की क्रीड़ा का निनाद सुन रहा है। वे चले जाते हैं तो जैसे सब ठहर जाता है, सहम जाता है।उनके आलोक की रश्मियां हमारे अंधकार के साथ आंख-मिचौली खेलती हैं। हमारा अंधकार उनके आलोक से ही उनको देख पाता है क्षण भर को, और तब वह क्षण भी विराट हो जाता है। हमारी वेदना उन तक जाती है तो वे अपनी संवेदना का संस्पर्श देकर लौटा देते हैं। हमारी उदासी उन तक जाती है तो आनंद की गहराई लेकर लौट आती है। उनके आशीष अहिर्निश बरस रहे हैं। हमारे प्राणों में जब भी अभीप्सा की आग जलती है और हम समर्पित होते हैं तो उनके मेघ खिंचे आते हैं, हम पर बरस जाते हैं।उनकी करुणा अपार है!
About The Author
ओशो एक ऐसे आध्यात्मिक गुरू रहे हैं, जिन्होंने ध्यान की अतिमहत्वपूर्ण विधियाँ दी। ओशो के चाहने वाले पूरी दुनिया में फैले हुए हैं। इन्होंने ध्यान की कई विधियों के बारे बताया तथा ध्यान की शक्ति का अहसास करवाया है।हमें ध्यान क्यों करना चाहिए? ध्यान क्या है और ध्यान को कैसे किया जाता है। इनके बारे में ओशो ने अपने विचारों में विस्तार से बताया है। इनकी कई बार मंच पर निंदा भी हुई लेकिन इनके खुले विचारों से इनको लाखों शिष्य भी मिले। इनके निधन के 30 वर्षों के बाद भी इनका साहित्य लोगों का मार्गदर्शन कर रहा है।ओशो दुनिया के महान विचारकों में से एक माने जाते हैं। ओशो ने अपने प्रवचनों में नई सोच वाली बाते कही हैं। आचार्य रजनीश यानी ओशो की बातों में गहरा अध्यात्म या धर्म संबंधी का अर्थ तो होता ही हैं। उनकी बातें साधारण होती हैं। वह अपनी बाते आसानी से समझाते हैं मुश्किल अध्यात्म या धर्म संबंधीचिंतन को ओशो ने सरल शब्दों में समझया हैं।
“दिया बाले अगम का” पुस्तक का मुख्य उद्देश्य क्या है?
“दिया बाले अगम का” पुस्तक का मुख्य उद्देश्य आध्यात्मिक यात्रा और अंतर्ज्ञान के माध्यम से अज्ञात को जानने का प्रयास करना है। यह पुस्तक जीवन के रहस्यों और आत्मज्ञान की खोज पर आधारित है।
“दिया बाले अगम का” पुस्तक किस प्रकार से आत्म-ज्ञान को बढ़ावा देती है?
“दिया बाले अगम का” पुस्तक आत्म-ज्ञान को प्रोत्साहित करती है, जिससे पाठक अपने भीतर छिपी अनंत शक्तियों और गहरे सत्य को जानने का प्रयास कर सकें। यह ध्यान और मन की शांति पर आधारित है।
“दिया बाले अगम का” पुस्तक किस प्रकार के पाठकों के लिए उपयुक्त है?
यह पुस्तक उन पाठकों के लिए उपयुक्त है जो आध्यात्मिकता, ध्यान, और आत्म-साक्षात्कार की यात्रा पर हैं और जीवन के गहरे अर्थ को जानने के लिए इच्छुक हैं।
“दिया बाले अगम का” पुस्तक किस प्रकार से ध्यान और आंतरिक शांति के विषय पर चर्चा करती है?
“दिया बाले अगम का” पुस्तक में ध्यान और आंतरिक शांति के महत्व पर गहन विचार किया गया है, और यह बताया गया है कि कैसे ध्यान द्वारा हम अपने जीवन में सच्ची शांति और संतुलन प्राप्त कर सकते हैं।
“दिया बाले अगम का” पुस्तक में लेखक ने किस विषय पर जोर दिया है?
लेखक ने “दिया बाले अगम का” पुस्तक में जीवन की अज्ञात शक्तियों, आंतरिक प्रकाश, और आत्म-ज्ञान की खोज पर जोर दिया है, जिससे व्यक्ति जीवन के गहरे सत्य को समझ सके।
“दिया बाले अगम का” पुस्तक पढ़ने से पाठक को क्या लाभ हो सकता है?
इस पुस्तक से पाठक को आत्म-ज्ञान, ध्यान और जीवन के गहरे सत्य की समझ प्राप्त होगी, जो उसके मानसिक और आध्यात्मिक विकास में सहायक हो सकती है।