₹150.00 Original price was: ₹150.00.₹149.00Current price is: ₹149.00.
एक मात्र उपाय जागो” ओशो की एक महत्वपूर्ण पुस्तक है जो आत्म-जागरण और चेतना की गहन यात्रा को समझाती है। इस पुस्तक में ओशो बताते हैं कि कैसे हम अज्ञान और मोह के बंधन से जागकर सच्चाई का अनुभव कर सकते हैं। ध्यान और वर्तमान में जीने की महत्ता को समझाते हुए, ओशो हमें आत्म-जागृति की दिशा में प्रेरित करते हैं। उनकी शिक्षाएं न केवल आत्म-ज्ञान प्रदान करती हैं बल्कि जीवन को अधिक गहराई से जीने के तरीके भी सिखाती हैं। यह पुस्तक उन सभी के लिए उपयुक्त है जो आत्म-परिवर्तन और शांति की खोज में हैं।
ओशो एक ऐसे आध्यात्मिक गुरू रहे हैं, जिन्होंने ध्यान की अतिमहत्वपूर्ण विधियाँ दी। ओशो के चाहने वाले पूरी दुनिया में फैले हुए हैं। इन्होंने ध्यान की कई विधियों के बारे बताया तथा ध्यान की शक्ति का अहसास करवाया है।
हमें ध्यान क्यों करना चाहिए? ध्यान क्या है और ध्यान को कैसे किया जाता है। इनके बारे में ओशो ने अपने विचारों में विस्तार से बताया है। इनकी कई बार मंच पर निंदा भी हुई लेकिन इनके खुले विचारों से इनको लाखों शिष्य भी मिले। इनके निधन के 30 वर्षों के बाद भी इनका साहित्य लोगों का मार्गदर्शन कर रहा है।
ओशो दुनिया के महान विचारकों में से एक माने जाते हैं। ओशो ने अपने प्रवचनों में नई सोच वाली बाते कही हैं। आचार्य रजनीश यानी ओशो की बातों में गहरा अध्यात्म या धर्म संबंधी का अर्थ तो होता ही हैं। उनकी बातें साधारण होती हैं। वह अपनी बाते आसानी से समझाते हैं मुश्किल अध्यात्म या धर्म संबंधीचिंतन को ओशो ने सरल शब्दों में समझया हैं।
यह पुस्तक आत्म-जागरण और चेतना के गहन अनुभव के बारे में है, जिसमें ओशो पाठकों को सच्चाई की ओर जागरूक होने की प्रेरणा देते हैं।
हां, ओशो की शिक्षाएं सरल और स्पष्ट हैं, जो इसे शुरुआती और उन्नत दोनों आध्यात्मिक साधकों के लिए उपयुक्त बनाती हैं।
ओशो की शिक्षाएं प्राचीन आध्यात्मिक ज्ञान और आधुनिक दृष्टिकोण का संगम हैं, जो उन्हें अधिक सुलभ और अद्वितीय बनाती हैं
इस पुस्तक के लेखक ओशो हैं, जो अपने ध्यान और आध्यात्मिक शिक्षाओं के लिए प्रसिद्ध हैं।
यह पुस्तक उन लोगों के लिए है जो आत्म-विकास, आत्म-साक्षात्कार और आध्यात्मिक जागरूकता की तलाश में हैं।
Weight | 230 g |
---|---|
Dimensions | 25.4 × 20.3 × 0.85 cm |
Author | Osho |
ISBN | 9788171822331 |
Pages | 152 |
Format | Paperback |
Language | Hindi |
Publisher | Diamond Books |
ISBN 10 | 8171822339 |
ओशों के प्रखर विचारों ने, ओजस्वी वाणी ने मनुष्यता के दुश्मनों पर, संप्रदायों पर, मठाधीशो पर, अंधे राजनेताओं पर, जोरदार प्रहार किया। लेकिन पत्रा-पत्रिकाओं ने छापीं या तो ओशो पर चटपटी मनगढ़ंत खबरें या उनकी निंदा की, भ्रम के बादल पफैलाए। ये भ्रम के बादल आड़े या गये ओशो और लोगों के। जैसे सूरज के आगे बादल आ जाते हैं। इससे देर हुई। इससे देर हो रही है मनुष्य के सौभाग्य को मनुष्य तक पहुंचने में। ISBN10- 8171822339
Religious, Books, Diamond Books, Social Studies
Autobiography & Memories, Diamond Books, Political
Business and Management, Religions & Philosophy