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पुस्तक के बारे में
ओशो वास्तव में एक अजेयवादी मुक्त चिंतक है। वे अत्यंत गहरे ज्ञानी हैं। और अति स्पष्ट धारणाओं को सरल भाषा में विनोदपूर्ण बोध कथाओं के। माध्यम से समझाने में कशल हैं। वे देवताओं, भविष्यद्रष्टाओं, शास्त्रों और धार्मिक रीति रिवाजों का मजाक उड़ाते हैं तथा धर्म को एक नया आयाम देते हैं। आदि शंकराचार्य के बाद हमने ओशो जैसा स्पष्ट सोचने वाला दार्शनिक पैदा नहीं किया है।
पुस्तक के बारे में
ओशो एक ऐसे आध्यात्मिक गुरू रहे हैं, जिन्होंने ध्यान की अतिमहत्वपूर्ण विधियाँ दी। ओशो के चाहने वाले पूरी दुनिया में फैले हुए हैं। इन्होंने ध्यान की कई विधियों के बारे बताया तथा ध्यान की शक्ति का अहसास करवाया है।
हमें ध्यान क्यों करना चाहिए? ध्यान क्या है और ध्यान को कैसे किया जाता है। इनके बारे में ओशो ने अपने विचारों में विस्तार से बताया है। इनकी कई बार मंच पर निंदा भी हुई लेकिन इनके खुले विचारों से इनको लाखों शिष्य भी मिले। इनके निधन के 30 वर्षों के बाद भी इनका साहित्य लोगों का मार्गदर्शन कर रहा है।
ओशो दुनिया के महान विचारकों में से एक माने जाते हैं। ओशो ने अपने प्रवचनों में नई सोच वाली बाते कही हैं। आचार्य रजनीश यानी ओशो की बातों में गहरा अध्यात्म या धर्म संबंधी का अर्थ तो होता ही हैं। उनकी बातें साधारण होती हैं। वह अपनी बाते आसानी से समझाते हैं मुश्किल अध्यात्म या धर्म संबंधीचिंतन को ओशो ने सरल शब्दों में समझया हैं।
हरिओम तत्सत् पुस्तक का मुख्य उद्देश्य पाठकों को ध्यान और आध्यात्मिक साधना के माध्यम से आत्मज्ञान और शांति प्राप्त करने के मार्ग पर प्रेरित करना है। यह पुस्तक आध्यात्मिक ज्ञान को सरल और स्पष्ट रूप में प्रस्तुत करती है।
हरिओम तत्सत् पुस्तक में ध्यान, भक्ति, आत्मज्ञान और जीवन के परम सत्य पर विस्तृत चर्चा की गई है। इसमें आध्यात्मिक जागरूकता और ईश्वर की प्राप्ति के लिए आवश्यक मार्गदर्शन दिया गया है।
हरिओम तत्सत् पुस्तक ध्यान और साधना के माध्यम से मानसिक शांति, संतुलन और आत्म-नियंत्रण प्राप्त करने के तरीके बताती है, जिससे व्यक्ति जीवन में आंतरिक स्थिरता प्राप्त कर सके।
हरिओम तत्सत् पुस्तक के लेखक एक अनुभवी साधक हैं, जिन्होंने अपने गहन ध्यान और साधना से प्राप्त आध्यात्मिक अनुभवों को साझा किया है। उनका दृष्टिकोण जीवन के गूढ़ रहस्यों को उजागर करना और पाठकों को आत्मज्ञान की ओर प्रेरित करना है।
हरिओम तत्सत् पुस्तक में ध्यान के विभिन्न प्रकार, जैसे साक्षी भाव ध्यान, मंत्र ध्यान, और प्रेम ध्यान पर विस्तृत रूप से चर्चा की गई है, जिससे पाठक अपने लिए उपयुक्त ध्यान विधि चुन सकें।
इस पुस्तक से पाठक को मानसिक शांति, आत्म-साक्षात्कार और जीवन के गहरे आध्यात्मिक सत्य को समझने का अवसर मिलेगा। यह पुस्तक जीवन की जटिलताओं को समझने और साधना के माध्यम से उनका समाधान खोजने में मदद करेगी।
Weight | 190 g |
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Dimensions | 21.6 × 14 × 0.88 cm |
Author | Osho |
ISBN | 8128803832 |
Pages | 160 |
Format | Paperback |
Language | Hindi |
Publisher | Diamond Books |
ISBN 10 | 8128803832 |
हरिओम तत्सत् एक आध्यात्मिक कृति है जो ब्रह्म, सत्य, और आत्म-ज्ञान की ओर हमें प्रेरित करती है। यह पुस्तक ब्रह्मांड की सच्चाई और जीवन की गहरी सच्चाइयों को समझने का एक मार्गदर्शन प्रस्तुत करती है। “हरिओम तत्सत्” एक गूढ़ मंत्र है जो ब्रह्म और सत्य की ओर इशारा करता है। इसे पढ़कर आप अपने जीवन के गहरे अर्थ और आत्मिक शांति की खोज में मदद पा सकते हैं। यह आध्यात्मिकता की दिशा में एक शक्तिशाली प्रेरणा प्रदान करती है।
ISBN10-8128803832
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