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Hindi Sahitya Ka Itihas (हिंदी साहित्य का इतिहास) : Guide to Hindi Literature |Essays and Analysis-0
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Hindi Sahitya Ka Itihas (हिंदी साहित्य का इतिहास) : Guide to Hindi Literature |Essays and Analysis-0

Hindi Sahitya Ka Itihas (हिंदी साहित्य का इतिहास) : Guide to Hindi Literature |Essays and Analysis-In Paperback

Original price was: ₹550.00.Current price is: ₹549.00.

किताब के बारे में

हिंदी साहित्य का इतिहास -: आचार्य रामचन्द्र शुक्ल द्वारा लिखित हिन्दी साहित्य का इतिहास हिन्दी साहित्य के अध्ययन के लिए एक अत्यंत महत्वपूर्ण और आधारभूत ग्रन्थ है। लगभग छह सौ पृष्ठों में विस्तृत यह पुस्तक हिन्दी साहित्य के नौ सौ वर्षों के इतिहास को प्रामाणिक रूप से प्रस्तुत करती है।शुक्ल जी ने इस ग्रन्थ में आदिकाल ( वीरगाथा काल ) से लेकर आधुनिक काल तक के साहित्यिक विकासक्रम को विभिन्न कालों और धाराओं में विभाजित किया है। उन्होंने प्रत्येक काल की प्रमुख साहित्यिक प्रवृत्तियों, कवियों और उनकी रचनाओं का विस्तृत विश्लेषण किया है। उनकी भाषा-शैली गम्भीर और विश्लेषणात्मक है, जो साहित्य के मर्म को गहराई से समझने में सहायक होती है।यह पुस्तक न केवल ऐतिहासिक तथ्यों का संकलन है, बल्कि शुक्ल जी की सूक्ष्म साहित्यिक दृष्टि और आलोचनात्मक क्षमता का भी परिचय देती है। उन्होंने कवियों और उनकी रचनाओं का मूल्यांकन करते हुए उनकी साहित्यिक महत्ता स्थापित की है। ‘हिन्दी साहित्य का इतिहास’ विद्यार्थियों, शोधकर्ताओं और हिन्दी साहित्य में रुचि रखने वाले सभी व्यक्तियों के लिए एक अनिवार्य पाठ्यपुस्तक है। यह हिन्दी साहित्य के इतिहास को समझने और उसका सही परिप्रेक्ष्य प्राप्त करने में अद्वितीय भूमिका निभाती है

लेखक के बारे में

आचार्य रामचन्द्र शुक्ल ( 1884-1941 ) बीसवीं शताब्दी के हिंदी के एक प्रमुख साहित्यकार, इतिहासकार और आलोचक थे। उन्हें हिंदी साहित्य के इतिहास का प्रथम व्यवस्थित लेखक माना जाता है। उनकी प्रसिद्ध रचना ‘हिंदी साहित्य का इतिहास’ आज भी साहित्य के विद्यार्थियों के लिए एक महत्त्वपूर्ण ग्रन्थ है। शुक्ल जी ने निबंध, आलोचना और अनुवाद के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनकी साहित्यिक दृष्टि वस्तुनिष्ठ और विश्लेषणात्मक थी, जिसने हिंदी आलोचना को एक नई दिशा दी। वे काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में हिंदी के प्राध्यापक और विभागाध्यक्ष भी रहे।

हिंदी साहित्य का इतिहास पुस्तक के लेखक कौन हैं?

इस पुस्तक के लेखक आचार्य रामचन्द्र शुक्ल हैं, जो हिन्दी के प्रसिद्ध आलोचक और इतिहासकार थे।

हिंदी साहित्य का इतिहास को हिन्दी साहित्य में क्या स्थान प्राप्त है?

इसे हिन्दी साहित्य का प्रथम व्यवस्थित और प्रामाणिक इतिहास ग्रंथ माना जाता है।

हिंदी साहित्य का इतिहास यह पुस्तक इतिहास के कितने वर्षों को कवर करती है?

यह लगभग 900 वर्षों के हिन्दी साहित्य के विकास का विस्तृत विवरण प्रस्तुत करती है।

आचार्य रामचन्द्र शुक्ल का साहित्य में अन्य क्या योगदान था?

उन्होंने निबंध, आलोचना, और अनुवाद में भी महत्वपूर्ण कार्य किए हैं।

शुक्ल जी की आलोचना ने हिन्दी साहित्य को क्या दिशा दी?

उनकी आलोचना ने हिन्दी साहित्य को वैज्ञानिक और तार्किक आलोचना की दिशा प्रदान की।

Additional information

Weight 0.500 g
Dimensions 21.59 × 13.97 × 3.3 cm
Author

Acharya Ramchandra Shukla

Diamond Books

552

Format

Paperback

Language

Hindi

Publisher

Diamond Books

ISBN10-: 9371220325

SKU 9789371220323 Categories , Tags ,