Jihad (Novel) : जिहाद (उपन्यास) : (सदी की सबसे ज्वलंत वैश्विक समस्या को रेखांकित करता उपन्यास)

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इस्लामी धर्म-दर्शन का वास्तविक स्वरूप क्या है, यह तो उसके जानकारों को पता होगा, किंतु आज इस्लाम के नाम पर अनेक मुस्लिम संगठनों के द्वारा अन्य धर्म और सम्प्रदाय के लोगों के साथ किस तरह का व्यवहार किया जा रहा है, उसी को मैंने इस पुस्तक में प्रदर्शित करने का प्रयत्न किया है।
देवबंद के मदरसों में पढ़ाया जाता है कि ‘शरीयत में जिहाद दीने-हक की ओर बुलाने और जो उसे कबूल न करे उससे जंग करने को कहते हैं।’ जो कि कुरान के कई विद्वानों के मतानुसार गलत है। इसी तरह कुरान की अनेक आयतों की अपने-अपने अनुसार व्याख्या करके कई संगठन भिन्न-भिन्न ढंग से पूरे विश्व में जिहाद चला रहे हैं।
एक विदेशी पत्र में छपे लेख के अनुसार इस समय विश्व में जिहाद तीन रूपों में चल रहा है- पहला हिंसक जिहाद जो कि आतंकवादी समूह चलाते हैं, दूसरा अहिंसक जिहाद, जिसे जाकिर नाइक जैसे धर्म-प्रवर्तक लोग चलाते हैं और तीसरा लव जिहाद जो कि दूसरे का ही एक हिस्सा है। इस उपन्यास में इन्हीं विषयों को कथानक में पिरोया गया है।

 

About the Author

प्रताप नारायण सिंह
(जन्म-उत्तर प्रदेश)
एक लोकप्रिय उपन्यासकार, जिनकी अब तक की प्रकाशित सभी कृतियाँ पाठकों के द्वारा बहुत ही पसंद की गई हैं। धनंजय, अरावली का मार्तण्ड, योगी का रामराज्य और युगपुरुषः विक्रमादित्य के बाद डायमंड बुक्स के द्वारा प्रकाशित उनका नबीनतम उपन्यास ‘जिहाद’ आपके समक्ष है।
सभी प्रकाशित कृतियाँ-
1. उपन्यास – ‘धनंजय’, ‘अरावली का मार्तण्ड’, ‘युग पुरुष : सम्राट विक्रमादित्य’, ‘योगी का रामराज्य’, ‘जिहाद’।
2. कहानी संग्रह- ‘राम रचि राखा’।
3. काव्य- ‘सीताः एक नारी’ (खंडकाव्य), ‘बस इतना ही करना’ (काव्य-संग्रह )।। पुरस्कार- ‘जयशंकर प्रसाद पुरस्कार’, हिंदी संस्थान उत्तर प्रदेश।

ISBN10-9355991436