किताब के बारे में
कबीर के दोहे एक अनमोल पुस्तक है, कबीर ने हिन्दी साहित्य को निश्चित परिप्रेक्ष्य और कलात्मक आधर दिया। उनकी रचनाएं यथार्थवादी घटनाओं को ध्यान में रखकर रची गई हैं। इसलिए पाठक उनकी रचनाओं के साथ जुड़ जाता है। यही वजह है कि कबीर की रचनाओं में आदर्श और यथार्थ का गंगा-जमुनी संगम है।इस पुस्तक में उनके उन दोहो का संकलन किया गया है, जिन्होंने उन्हें एक महान् और सिद्ध संत के पद पर लाकर प्रतिष्ठित किया है। अपने स्नेह, त्याग, निस्पृहता और अपनी आध्यात्मिक शक्ति का सहारा लेकर कबीर ने हिन्दू-मुस्लिम सदभाव का जो बिगुल फूंका, वह अदभुत है। हिन्दू-मुस्लिम भाईचारे का एक ऐसा दीप प्रज्ज्वलित किया, जिसका प्रकाश आज भी मानव जाति का पथ-प्रदर्शन कर रहा है।उनकी कालजयी रचनाओं का यह संकलन ‘कबीर के दोहे’ के रूप में उन्हीं ज्ञान के भंडार व शिक्षाओं को सरल शब्दों में प्रस्तुत किया गया है, जिससे कि सामान्यजन भी उन्हें पढ़-सुनकर अपने जीवन को संवार सकें।
कबीर के दोहे क्या हैं?
कबीर के दोहे संत कबीर द्वारा रचित छोटे-छोटे पद हैं, जो जीवन और आध्यात्मिकता के गूढ़ अर्थ को सरल शब्दों में व्यक्त करते हैं।
कबीर के दोहे के संग्रह का क्या नाम है?
संत कबीरदास की वाणी (पद) संग्रह को बीजक कहा जाता है।
कबीर जी ने किसका त्याग करने की बात कही थी?
कबीर ने मनुष्य को अहंकार त्यागने का सन्देश इसलिए दिया है, क्योंकि जो अहंकार त्याग देता है उस पर सभी कृपा भाव बनाए रखते हैं, और उसके मन को शक्ति मिलती है।
इस पुस्तक का मुख्य उद्देश्य क्या है?
इसका उद्देश्य कबीर के दोहों के माध्यम से जीवन के गूढ़ सत्य को समझाना और सही दिशा दिखाना है।
कबीर के दोहे किस भाषा में हैं?
कबीर के दोहे मुख्य रूप से हिंदी और ब्रज भाषा में हैं।