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कहे कबीर मैं पूरा पाया-Kahe Kabir Main Poora Paya

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क्योंकि कबीर कहते हैं: शास्त्र को जानने से सत्य नहीं जाना जाता। हां, कोई शास्त्र को जान ले, तो शास्त्र जरूर जाना लिया जाता है। कितना ही पढ़ो और कितना ही लिखो, कुछ भी हाथ न आएगा। ध्यानों ने कितने ही हाथ काले करो, कहीं पहुंचोगे नहीं। किताबें भर जाओगी। शब्दों ही शब्दों से किताबें भर जाएंगी। और उन्हीं शब्दों की भीड़ के कारण, जो मूल शब्द है, वह सुनाई न पड़ेगा। इस विरोधाभास को ध्यान में रखना। मूल शब्द तभी सुनाई पड़ता है, जब तुम्हारे शब्द खो जाते हैं। जब तुम निषब्द हो जाते हो, तब सुनाई पड़ता है। यह विरोधाभासी लगेगा। निषब्द में शब्द सुनाई पड़ता है। शब्द के अर्थ: परमात्मा का स्वर, अस्तित्व का स्वर – यह जो समग्र के प्राण का आंदोलन है – स्वर। लेकिन अगर हम अपने ही शब्दों से भरे हैं, और बड़ी भीड़ मची है वहां, और बड़ी कोलाहल मची है वहां – शब्द और चिल्लों की, तो कौन सुनेगा? कैसे सुनेगा? उस शोरगुल में परमात्मा की धीमी सी वाणी खो जाती है।

  • ओशो

कबीर में बड़ा रहस्य है, और बड़ा जादू है। कबीर में ऐसा जादू है कि जो तुम्हें जगा दे। कबीर में ऐसा जादू है कि तुम्हें कबीर बना दे। कबीर में ऐसा जादू है कि तुम्हें वहां पहुंचा दे – उस मूल-छोर पर – जहां से सब आया है, और जहां एक दिन सब लीन हो जाता है।

  • ओशो

पुस्तक के कुछ मुख्य विषय-विंदु:

  • सावधान पंडित से!
  • दुख से मुक्ति कैसे मिले?
  • मनुष्य का मन उपद्रवी क्यों है?
  • प्रेम की करामात क्या है?
  • प्रेम परम योग है; उससे ऊपर कुछ भी नहीं है
  • प्रेम हमारी प्रकृति है
  • जीवन का अर्थ क्या है?

ISBN10-9350836238

कहे कबीर मैं पूरा पाया-kahe kabir mai pura paya
कहे कबीर मैं पूरा पाया-Kahe Kabir Main Poora Paya
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Kahe Kabir Main Poora Paya : (कहे कबीर मैं पूरा पाया)
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कहे कबीर मैं पूरा पाया-Kahe Kabir Main Poora Paya

Product Description

कहे कबीर मैं पूरा पाया ओशो की व्याख्या है, जिसमें उन्होंने संत कबीर के गहरे आध्यात्मिक विचारों और भक्ति के मार्ग पर उनके वचनों का गहन विश्लेषण किया है। ओशो, जो अपने समय के सबसे प्रभावशाली आध्यात्मिक गुरु रहे हैं, कबीर के सरल और गहरे विचारों को आधुनिक संदर्भ में प्रस्तुत करते हैं।

इस पुस्तक में ओशो कबीर के दोहों और वचनों को नए दृष्टिकोण से समझाते हैं। वे बताते हैं कि कबीर का जीवन और उनकी शिक्षाएँ आज भी उतनी ही प्रासंगिक हैं जितनी उनके समय में थीं। कबीर का भक्ति और सत्य के मार्ग पर चलना, और उनकी ईश्वर के साथ एकात्मता की अवधारणा, ओशो के विचारों के साथ गहराई से जुड़ी हुई है।

About the Author

ओशो एक ऐसे आध्यात्मिक गुरू रहे हैं, जिन्होंने ध्यान की अतिमहत्वपूर्ण विधियाँ दी। ओशो के चाहने वाले पूरी दुनिया में फैले हुए हैं। इन्होंने ध्यान की कई विधियों के बारे बताया तथा ध्यान की शक्ति का अहसास करवाया है।हमें ध्यान क्यों करना चाहिए? ध्यान क्या है और ध्यान को कैसे किया जाता है। इनके बारे में ओशो ने अपने विचारों में विस्तार से बताया है। इनकी कई बार मंच पर निंदा भी हुई लेकिन इनके खुले विचारों से इनको लाखों शिष्य भी मिले। इनके निधन के 30 वर्षों के बाद भी इनका साहित्य लोगों का मार्गदर्शन कर रहा है। ओशो दुनिया के महान विचारकों में से एक माने जाते हैं। ओशो ने अपने प्रवचनों में नई सोच वाली बाते कही हैं। आचार्य रजनीश यानी ओशो की बातों में गहरा अध्यात्म या धर्म संबंधी का अर्थ तो होता ही हैं। उनकी बातें साधारण होती हैं। वह अपनी बाते आसानी से समझाते हैं मुश्किल अध्यात्म या धर्म संबंधीचिंतन को ओशो ने सरल शब्दों में समझया हैं।

कबीर कौन थे?

कबीर एक महान भारतीय संत और कवि थे, जिन्होंने 15वीं सदी में उत्तर भारत में जन्म लिया था। वे भक्ति आंदोलन के प्रमुख संतों में से एक थे और उनकी कविताओं और पदों ने भारतीय समाज में गहरी छाप छोड़ी। कबीर की कविताएँ और भजन धार्मिकता और जाति भेदभाव के खिलाफ थे और उन्होंने सच्चे प्रेम और भक्ति का संदेश फैलाया। उनका जीवन और काम सच्चे ज्ञान, प्रेम और आध्यात्मिकता की खोज पर केंद्रित था। उनके विचार और शिक्षाएँ आज भी लोगों को प्रेरित करती हैं।

कबीर का धर्म क्या था?

कबीर का धर्म किसी एक विशेष धार्मिक परंपरा या समुदाय से संबंधित नहीं था। वे एक अद्वितीय भक्ति संत थे जिन्होंने धार्मिक संप्रदायों और जाति भेदभाव के पार जाकर सच्चे प्रेम और भक्ति का संदेश फैलाया। कबीर ने हिंदू और इस्लाम दोनों धर्मों के तत्वों को अपनी शिक्षाओं में शामिल किया, लेकिन वे एक सच्चे और अनन्त परमात्मा की उपासना में विश्वास करते थे। उनका धर्म मूलतः एकेश्वरवाद, प्रेम, और आत्मा की शुद्धता पर आधारित था, जो जाति, धर्म, और पंथ के भेदों को पार करता है।

कहे कबीर मैं पूरा पाया” क्या है?

यह ओशो की एक पुस्तक है जिसमें वे कबीर की कविताओं और उनकी गहराई से जुड़ी शिक्षाओं का विश्लेषण करते हैं। यह पुस्तक कबीर के आध्यात्मिक दृष्टिकोण को आधुनिक संदर्भ में समझने का प्रयास करती है।

कहे कबीर मैं पूरा पाया ओशो द्वारा क्यों पढ़ें?

ओशो इस पुस्तक में संत कबीर के वचनों का गहन विश्लेषण करते हैं और उनकी शिक्षाओं को आधुनिक संदर्भ में लाकर प्रस्तुत करते हैं। यह पुस्तक भक्ति, सत्य, और ईश्वर के साथ संबंध पर नई दृष्टि देती है

क्या यह पुस्तक आत्म-सहायता के लिए भी उपयोगी है?

हाँ, यह पुस्तक आत्म-सहायता के लिए भी उपयोगी है क्योंकि इसमें कबीर की शिक्षाओं के माध्यम से जीवन और प्रेम की समझ को बेहतर बनाने के उपाय दिए गए हैं

इस पुस्तक को पढ़ने से क्या लाभ मिलेगा?

इस पुस्तक को पढ़ने से पाठक जीवन के गहरे सत्य को समझ पाएंगे, आत्मज्ञान के मार्ग पर प्रेरित होंगे, और ईश्वर के प्रति भक्ति और सत्य की भावना को और गहरा कर सकेंगे।

Additional information

Weight 440 g
Dimensions 21.59 × 13.97 × 2.08 cm
Author

Osho

ISBN

9789350836231

Pages

208

Format

Paperback

Language

Hindi

Publisher

Jr Diamond

ISBN 10

9350836238