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Krishan Jigyasa Khoj Uplabhadhi  by osho-कृष्‍ण जिज्ञासा खोज उपलब्धि

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मनुष्य की जो चरम संभावना है, वह ओशो में संभव हुई है। मनुष्य में बसी भगवत्ता के गौरीशंकर हैं। वे स्वयं भगवान हैं। ओशो श्री जगत और जीवन को उसकी परिपूर्णता में स्वीकारते हैं। वे पृथ्वी और स्वर्ग, चार्वाक और बुद्ध को जोड़ने वाले पहले सेतु हैं। उनके हाथों पहली बार अखंडित धर्म का, वैज्ञानिक धर्म का, जागतिक धर्म का प्रसार हो रहा है। यही कारण है कि जीवन-निषेध पर खड़े अतीत के सभी धर्म उनके विरोध में संयुक्त होकर खड़े हैं। ओशो श्री व्यक्ति की स्वतंत्रता को प्रथम मूल्य देते हैं। धर्म नहीं, धार्मिकता उनका मौलिक स्वर है। उनके अब तक बोले वचनों की 500 पुस्तकें बन चुकी हैं और दुनिया की 35 से अधिक भाषाओं में अनुवादित प्रकाशित हो रही हैं। सारी दुनिया में श्रेष्ठतम वैज्ञानिक, कलाकार और चैतन्य के खोजी ओशो द्वारा दिशा निर्देशित “वर्ल्ड अकादमी ऑफ क्रिएटिव साइंस, आर्ट्स एंड कान्शसनेस” में सम्मिलित हो रहे हैं और अपनी सारी ऊर्जा को सृजनशील में नियोजित कर रहे हैं। हंसते-गाते, उत्सव मनाते ये सृजनशील व्यक्ति “क्षण- क्षण जीने की कला” सीख रहे हैं और इसी दुनिया को स्वर्ग में रुपांतरित कर देने के आधार बन रहे हैं।

ISBN10-8128804936

कृष्‍ण जिज्ञासा खोज उपलब्धि -0
Krishan Jigyasa Khoj Uplabhadhi  by osho-कृष्‍ण जिज्ञासा खोज उपलब्धि
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कृष्ण जिज्ञासा खोज उपलब्धि ओशो द्वारा लिखित एक अद्भुत पुस्तक है, जिसमें भगवान कृष्ण के जीवन, उनके दर्शन, और उनकी गहन शिक्षाओं का विस्तृत विश्लेषण किया गया है। इस पुस्तक में ओशो कृष्ण को एक व्यक्ति से अधिक, एक घटना के रूप में वर्णित करते हैं जो जीवन और प्रेम का प्रतीक हैं। यह पुस्तक जिज्ञासा, खोज, और आत्म-ज्ञान की प्रक्रिया के महत्व को उजागर करती है, जिसमें पाठक कृष्ण के जीवन के माध्यम से अपनी आंतरिक यात्रा को समझ सकते हैं।

About the Author

ओशो एक ऐसे आध्यात्मिक गुरू रहे हैं, जिन्होंने ध्यान की अतिमहत्वपूर्ण विधियाँ दी। ओशो के चाहने वाले पूरी दुनिया में फैले हुए हैं। इन्होंने ध्यान की कई विधियों के बारे बताया तथा ध्यान की शक्ति का अहसास करवाया है।हमें ध्यान क्यों करना चाहिए? ध्यान क्या है और ध्यान को कैसे किया जाता है। इनके बारे में ओशो ने अपने विचारों में विस्तार से बताया है। इनकी कई बार मंच पर निंदा भी हुई लेकिन इनके खुले विचारों से इनको लाखों शिष्य भी मिले। इनके निधन के 30 वर्षों के बाद भी इनका साहित्य लोगों का मार्गदर्शन कर रहा है। ओशो दुनिया के महान विचारकों में से एक माने जाते हैं। ओशो ने अपने प्रवचनों में नई सोच वाली बाते कही हैं। आचार्य रजनीश यानी ओशो की बातों में गहरा अध्यात्म या धर्म संबंधी का अर्थ तो होता ही हैं। उनकी बातें साधारण होती हैं। वह अपनी बाते आसानी से समझाते हैं मुश्किल अध्यात्म या धर्म संबंधीचिंतन को ओशो ने सरल शब्दों में समझया हैं।

ओशो ने कृष्ण को कैसे वर्णित किया है?

ओशो ने कृष्ण को एक घटना के रूप में वर्णित किया है, जो केवल एक व्यक्ति नहीं, बल्कि जीवन और प्रेम का प्रतीक हैं। कृष्ण के जीवन और उनके कार्यों के माध्यम से ओशो ने जीवन के गहन रहस्यों को समझाने का प्रयास किया है। उनका मानना है कि कृष्ण का जीवन ध्यान और आनंद की गहराइयों में डूबा हुआ है।

कृष्ण जिज्ञासा खोज उपलब्धि’ का मुख्य उद्देश्य क्या है?

इस पुस्तक का मुख्य उद्देश्य भगवान कृष्ण के जीवन और उनकी शिक्षाओं के माध्यम से आत्म-खोज और जिज्ञासा को प्रेरित करना है। ओशो ने इस पुस्तक में कृष्ण को एक आध्यात्मिक गुरु और जीवन के गहन रहस्यों को समझाने वाले मार्गदर्शक के रूप में प्रस्तुत किया है।

क्या यह पुस्तक केवल कृष्ण के जीवन पर आधारित है?

हाँ, यह पुस्तक मुख्य रूप से भगवान कृष्ण के जीवन और उनके दर्शन पर आधारित है, लेकिन इसका उद्देश्य पाठकों को आत्म-ज्ञान और जिज्ञासा की दिशा में प्रेरित करना है। कृष्ण के माध्यम से ओशो ने जीवन के विभिन्न पहलुओं पर ध्यान दिया है, जैसे प्रेम, ध्यान, और आत्मिक शांति।

क्या यह पुस्तक ध्यान की दिशा में मार्गदर्शन करती है?

हाँ, इस पुस्तक में ओशो ने कृष्ण के जीवन और उनके ध्यान की प्रक्रिया के माध्यम से आत्म-खोज की दिशा में मार्गदर्शन दिया है। यह पुस्तक ध्यान और जिज्ञासा के महत्व पर बल देती है और पाठकों को ध्यान के माध्यम से आंतरिक शांति प्राप्त करने की प्रेरणा देती है।

कृष्ण जिज्ञासा खोज उपलब्धि’ किसके लिए उपयुक्त है?

यह पुस्तक उन लोगों के लिए है जो भगवान कृष्ण के जीवन और उनके दर्शन को गहराई से समझना चाहते हैं। साथ ही यह ध्यान, आत्म-ज्ञान, और जिज्ञासा की प्रक्रिया में रुचि रखने वाले पाठकों के लिए भी अत्यंत उपयोगी है।

क्या यह पुस्तक आत्मिक विकास में सहायक है?

हाँ, यह पुस्तक आत्मिक विकास और आत्म-खोज की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान देती है। ओशो ने इसमें ध्यान और जिज्ञासा की प्रक्रिया के माध्यम से आत्मिक शांति प्राप्त करने की कला को समझाया है।

Additional information

Weight 240 g
Dimensions 19.8 × 12.9 × 0.2 cm
Author

Osho

ISBN

8128804936

Pages

160

Format

Paperback

Language

Hindi

Publisher

Diamond Books

ISBN 10

8128804936