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कृष्‍ण साधना रहित सिद्धि -0

Krishan Sadhna Rahit Sidhi by osho-कृष्‍ण साधना रहित सिद्धि

Original price was: ₹250.00.Current price is: ₹249.00.

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कृष्‍ण क्षणवादी हैं। समस्‍त आनंद की यात्रा क्षण की यात्रा है। कहना चाहिए यात्रा ही नहीं है, क्‍योंकि क्षण में यात्रा कैसे हो सकती है, क्षण में सिर्फ डूबना होता है। समय में यात्रा होती है क्षण में आप लंबे नहीं जा सकते, गहरे जा सकते हैं। क्षण में आप डुबकी ले सकते हैं क्षण में कोई लंबाई नहीं है, सिर्फ गहराई है। समय में लंबाई है, गहराई कोई भी नहीं है इसलिएजो क्षण में डूबता है, वह समय के पार हो जाता है। जो क्षण में डूबता है वह इटरनिटी को, शास्‍वत को उपलब्‍ध हो जाता है। कृष्‍ण क्षण में है और साथ ही शाश्‍वत में हैं। जो क्षण में है, वह शाश्‍वत में है।

कृष्ण साधना रहित सिद्धि ओशो द्वारा लिखित एक गहन आध्यात्मिक पुस्तक है, जो भगवान कृष्ण के जीवन और उनके अनूठे दृष्टिकोण पर आधारित है। इसमें ओशो ने इस बात पर चर्चा की है कि साधना के बिना भी सिद्धि कैसे प्राप्त की जा सकती है। कृष्ण के जीवन की सरलता और सहजता से प्रेरणा लेते हुए, यह पुस्तक आत्म-ज्ञान और ध्यान के मार्ग पर पाठकों को मार्गदर्शन देती है। ओशो ने कृष्ण को एक ऐसे व्यक्ति के रूप में चित्रित किया है, जिनका जीवन साधना से परे है और जिनके दर्शन में प्रेम और आनंद का अद्वितीय संतुलन है।

About the Author

ओशो एक ऐसे आध्यात्मिक गुरू रहे हैं, जिन्होंने ध्यान की अतिमहत्वपूर्ण विधियाँ दी। ओशो के चाहने वाले पूरी दुनिया में फैले हुए हैं। इन्होंने ध्यान की कई विधियों के बारे बताया तथा ध्यान की शक्ति का अहसास करवाया है।हमें ध्यान क्यों करना चाहिए? ध्यान क्या है और ध्यान को कैसे किया जाता है। इनके बारे में ओशो ने अपने विचारों में विस्तार से बताया है। इनकी कई बार मंच पर निंदा भी हुई लेकिन इनके खुले विचारों से इनको लाखों शिष्य भी मिले। इनके निधन के 30 वर्षों के बाद भी इनका साहित्य लोगों का मार्गदर्शन कर रहा है। ओशो दुनिया के महान विचारकों में से एक माने जाते हैं। ओशो ने अपने प्रवचनों में नई सोच वाली बाते कही हैं। आचार्य रजनीश यानी ओशो की बातों में गहरा अध्यात्म या धर्म संबंधी का अर्थ तो होता ही हैं। उनकी बातें साधारण होती हैं। वह अपनी बाते आसानी से समझाते हैं मुश्किल अध्यात्म या धर्म संबंधीचिंतन को ओशो ने सरल शब्दों में समझया हैं।

u003cstrongu003eकृष्ण साधना रहित सिद्धि’ का मुख्य संदेश क्या है?u003c/strongu003e

इस पुस्तक का मुख्य संदेश है कि साधना के बिना भी जीवन में सिद्धि प्राप्त की जा सकती है। ओशो ने इस पुस्तक में कृष्ण के जीवन के माध्यम से यह समझाने की कोशिश की है कि प्रेम, आनंद, और ध्यान से भी आत्मिक उन्नति संभव है।

u003cstrongu003eओशो ने कृष्ण के दर्शन को कैसे प्रस्तुत किया है?u003c/strongu003e

ओशो ने कृष्ण के दर्शन को एक अनूठे दृष्टिकोण से प्रस्तुत किया है, जिसमें साधना से परे जाकर जीवन की सादगी, प्रेम और आनंद की बात की गई है। उनका मानना है कि कृष्ण का जीवन साधना के पार जाकर सहज सिद्धि का प्रतीक है।

u003cstrongu003eक्या यह पुस्तक ध्यान और आत्म-ज्ञान में रुचि रखने वाले लोगों के लिए उपयुक्त है?u003c/strongu003e

हाँ, यह पुस्तक ध्यान, आत्म-ज्ञान और साधना के बिना भी सिद्धि प्राप्त करने की इच्छा रखने वाले लोगों के लिए अत्यंत उपयुक्त है। इसमें ओशो ने कृष्ण के जीवन के माध्यम से आत्मिक शांति प्राप्त करने का मार्ग दिखाया है।

u003cstrongu003eकृष्ण साधना रहित सिद्धि’ किन पाठकों के लिए है?u003c/strongu003e

यह पुस्तक उन पाठकों के लिए है जो भगवान कृष्ण के जीवन और उनके दर्शन से प्रेरणा लेकर आत्म-ज्ञान की दिशा में कदम बढ़ाना चाहते हैं। यह उन लोगों के लिए भी है जो साधना के बिना आत्मिक उन्नति प्राप्त करना चाहते हैं।

u003cstrongu003eक्या यह पुस्तक साधना के बिना सिद्धि पर ही केंद्रित है?u003c/strongu003e

हाँ, इस पुस्तक का मुख्य विषय साधना रहित सिद्धि है, और ओशो ने इसे कृष्ण के जीवन और उनके दृष्टिकोण से समझाया है। इसमें साधना के बिना भी सिद्धि प्राप्त करने के तरीकों पर गहराई से चर्चा की गई है।

Additional information

Author

Osho

ISBN

8128804928

Pages

304

Format

Paperback

Language

Hindi

Publisher

Diamond Books

ISBN 10

8128804928

मनुष्य की जो चरम संभावना है, वह ओशो में संभव हुई है। मनुष्य में बसी भगवत्ता के गौरीशंकर हैं। वे स्वयं भगवान हैं। ओशो श्री जगत और जीवन को उसकी परिपूर्णता में स्वीकारते हैं। वे पृथ्वी और स्वर्ग, चार्वाक और बुद्ध को जोड़ने वाले पहले सेतु हैं। उनके हाथों पहली बार अखंडित धर्म का वैज्ञानिक धर्म का, जागतिक धर्म का प्रसार हो रहा है। यही कारण है कि जीवन-निषेध पर खड़े अतीत के सभी धर्म उनके विरोध में संयुक्त होकर खड़े हैं। ओशो श्री व्यक्ति की स्वतंत्रता को प्रथम मूल्य देते हैं। धर्म नहीं, धार्मिकता उनका मौलिक स्वर है। उनके अब तक बोले वचनों की 500 पुस्तकें बन चुकी हैं और दुनिया की 35 से अधिक भाषाओं में अनुवादित प्रकाशित हो रही हैं। सारी दुनिया में श्रेष्ठतम वैज्ञानिक, कलाकार और चैतन्य के खोजी ओशो द्वारा दिशा निर्देशित “वर्ल्ड अकादमी ऑफ क्रिएटिव साइंस, आर्टस एंड कान्शसनेस” में सम्मिलित हो रहे हैं और अपनी सारी ऊर्जा को सृजनशील में नियोजित कर रहे हैं। हंसते-गाते, उत्सव मनाते ये सृजनशील व्यक्ति “क्षण- क्षण जीने की कला सीख रहे हैं और इसी दुनिया को स्वर्ग में रुपांतरित कर देने के आधार बन रहे हैं।

ISBN10-8128804928 ISBN10-8128804928

SKU 9788128804922 Categories , Tags ,