किताब के बारे में
पुस्तक के माध्यम से मोदी की विदेश नीति के प्रति एक व्यापक दृष्टिकोण आपके समक्ष दिखेगा। पुस्तक में वर्णित तथ्य दो खंडों में है। प्रथम खंड में दुनिया के अंतर सरकारी संगठनों या गुटों में मोदी के नेतृत्व वाले भारत सरकार के प्रभाव/उपलब्धि की विवेचना की गई है, जबकि दूसरे खंड में दुनिया के प्रमुख देशों और पड़ोसी देशों के साथ मोदी युग में द्विपक्षीय संबंधों की पड़ताल की गई है।
लेखक के बारे में
कु.राजीव रंजन सिंह बचपन से ही ऊर्जावान एवं जनसरोकारों के प्रति सजगता से कुमार राजीव रंजन सिंह बहुत कम उम्र में देश के अग्रणी पंक्ति के युवा नेताओं में शुमार हो गए। कर्मठ और नेतृत्व क्षमता के धनी राजीव रंजन की सरोकारों की इसी राजनीति के कारण देश के युवा नेताओं में अपनी अलग छवि है। उनकी राजनीतिक और सामाजिक यात्रा हमेशा से देश के युवाओं के लिए और युवाओं के साथ रही है।छात्र जीवन से ही राजीव रंजन की राजनीतिक एवं राष्ट्रीय मुद्दों में गहरी रुचि थी। देश के सामने तमाम चुनौतियों और समस्याओं से उद्वेलित राजीव रंजन छात्र नेता रहने के दौरान ही राष्ट्रीय राजनीति में गहराई तक जुड़ गए और समसामयिक मुद्दों को उठाते रहे। उन्होंने अपने कॉलेज के दिनों में दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ के अध्यक्ष पद का चुनाव भी लड़ा उनकी राजनीति मुख्य रूप से युवाओं के साथ जुड़कर उनके मुद्दों के प्रति आम लोगों को जागरूक करने की रही है। राजीव रंजन सभी के लिए समान अवसरों के पक्षधर रहे हैं और इसके लिए सतत प्रयत्नशील भी। यह जनपक्षधरता उन्हें युवा तुर्क और पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के पास ले गई और जल्द ही वे समाजवादी छात्र जनता के राष्ट्रीय अध्यक्ष बन गए।युवाओं का सशक्तीकरण राजीव रंजन का प्रिय विषय है। इसीलिए वर्ष 2007 में उन्होंने एक अंतरराष्ट्रीय स्तर के एनजीओ ‘युवा..एक आंदोलन’ की स्थापना की। इसके अलावा उन्होंने नेहरू युवा केंद्र तथा युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय, भारत सरकार के सहयोग से ‘महात्मा गांधी युवा सूचना केंद्र (MYGYIC-COM)’ की शुरुआत की ।राजीव रंजन उन लोगों में थे जिन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की परिवर्तनकारी संभावनाओं और युवाओं के सशक्तीकरण के लिए उनकी गंभीरता को पहचाना । श्री मोदी के नेतृत्व में युवाओं से जुड़े मुद्दों के केंद्र में आने से प्रभावित होकर वे ‘यंग इंडिया’ से जुड़ गए। श्री राजीव रंजन ने बदलते भारत के बदलते राजनीतिक परिदृश्य में बौद्धिक प्रतिभाओं की जरूरत को देखते हुए एक ऐसी संस्था की कल्पना की जो सामाजिक, आर्थिक विकास के साथ लोकतांत्रिक व्यवस्था की मजबूती में भी सहायक हो । इस सपने को साकार करने के लिए उन्होंने 2022 में एक थिंक टैंक ‘इंडिया सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च एंड डेवलपमेंट’ (ICPRD) की स्थापना की ।युवा सशक्तीकरण के प्रति प्रतिबद्ध कुमार राजीव रंजन सिंह देश की प्रगति एवं उन्नति के लिए सामूहिकता में विश्वास करते हैं।
मोदी की विदेश नीति पुस्तक के लेखक कौन है ?
मोदी की विदेश नीति पुस्तक कु.राजीव रंजन सिंह द्वारा लिखी गई है ।
मोदी की विदेश नीति पुस्तक किस विषय पर केंद्रित है?
यह पुस्तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विदेश नीति और अंतरराष्ट्रीय संगठनों में भारत की भूमिका पर केंद्रित है।
मोदी की विदेश नीति के किन प्रमुख पहलुओं पर प्रकाश डाला गया है?
इसमें वैश्विक संगठनों में भारत के योगदान, पड़ोसी देशों के साथ संबंध, आर्थिक कूटनीति और रणनीतिक साझेदारी जैसे विषयों पर चर्चा की गई है।
कु.राजीव रंजन सिंह कौन हैं?
वे एक ऊर्जावान युवा नेता हैं, जो सामाजिक और राजनीतिक सरोकारों से जुड़े रहे हैं और युवा सशक्तीकरण के लिए कार्यरत हैं
मोदी की विदेश नीति क्या यह पुस्तक केवल विदेश नीति पर आधारित है?
नहीं, इसमें विदेश नीति के साथ-साथ युवा सशक्तीकरण और भारत के राजनीतिक परिदृश्य में बदलाव की चर्चा भी की गई है