किताब के बारे में
पूर्णाहुति प्रेम पर आधारित उपन्यास है इतिहास अपने समय की गवाही देता है। यदि ऐतिहासिक समाज को समझना हो तो और साहित्य की पाठकों की बड़ी मदद करता है। आचार्य चतुरसेन के उपन्यास ऐतिहासिक तौर पर अपने समय और समाज की बदलती हुई सामाजिक संरचना को बहुत ही बारीकी ढंग से उकेरते थे। पूर्णाहुति उपन्यास भी पृथ्वीराज चौहान और संयोगिता के प्यार और अमर बलिदान की कहानी को रेखांकित करता है। इस उपन्यास में न सिर्फ प्रेम का उच्च स्तर दिखाया गया है बल्कि देशभक्ति और वीरता की कहानी भी पाठकों को अपनी तरफ आकर्षित करेगी। आचार्य चतुरसेन का यह उपन्यास आज भी उतना ही प्रासंगिक है जितना कि उस समय में था।
लेखक के बारे में
आचार्य चतुरसेन शास्त्री का जन्म 26 अगस्त, 1891 को भारत में उत्तर प्रदेश राज्य के बुलंदशहर जिले के एक छोटे से गाँव औरंगाबाद चंडोक (अनूपशहर के पास) में हुआ था। उनके पिता पंडित केवाल राम ठाकुर थे और माता नन्हीं देवी थीं। उनका जन्म का नाम चतुर्भुज था। अपनी प्राथमिक शिक्षा समाप्त करने के बाद उन्होंने राजस्थान के जयपुर के संस्कृत कॉलेज में दाखिला लिया जहाँ से उन्होंने वर्ष 1915 में आयुर्वेद और शास्त्री में आयुर्वेद की उपाधि प्राप्त की। उन्होंने आयुर्वेद विद्यापीठ से आयुर्वेदाचार्य की उपाधि भी प्राप्त की।
पूर्णाहुति पुस्तक किस कहानी पर आधारित है?
पूर्णाहुति की कहानी पृथ्वीराज चौहान और संयोगिता के प्रेम और अमर बलिदान पर आधारित उपन्यास है ।
पूर्णाहुति पुस्तक में संयुक्ता कौन है?
संयुक्ता कन्नौज के राजा जयचंद की बेटी और पृथ्वीराज चौहान की तीन पत्नियों में से एक थी।
पृथ्वीराज चौहान अंधे कैसे हुए थे?
पृथ्वीराज चौहान और उनके मित्र चंदबरदाई को बंदी बना लिया गया. सजा के तौर पर गर्म सलाखों से पृथ्वीराज की आंखें फोड़ दी गई
पृथ्वीराज चौहान के दरबारी कवि कौन थे?
चंदबरदाई पृथ्वीराज चौहान के दरबारी कवि थे । चंदबरदाई प्रसिद्ध पुस्तक पृथ्वीराज रासो के लेखक हैं। पृथ्वीराज चौहान और चंदबरदाई अच्छे मित्र भी थे?
पूर्णाहुति की कौन सी विशेषता पाठकों को आकर्षित करती है?
पूर्णाहुति उपन्यास में न सिर्फ प्रेम का उच्च स्तर दिखाया गया है बल्कि देशभक्ति और वीरता की कहानी भी पाठकों को अपनी तरफ आकर्षित करेगी।