आलोक किरण

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मेरे उर की आलोक किरण
तेरी आभा से स्पन्दित है मेरा अस्पफुट जीवन क्षण-क्षण,
देख तुम्हारा चिर-सौन्दर्य प्रेम दीप्ति से भरा है कण-कण।
मेरे उर की आलोक किरण
मेरा मानस प्रतिबिम्बित है प्रेम शक्ति का पा आकर्षण,
अस्तित्व तुम्हारा सदा रहेगा जब तक है जीवन मरण।
मेरे उर की आलोक किरण
;चेतना के आभास सेद्ध

नाम – जुगराज सेठिया
जन्म – 28 मार्च, 1932
स्थान – चाड़वास ;राजस्थानद्ध
सम्पर्क – 1/1 लार्ड सिन्हा रोड
नटराज, फ्रलैट नं. 26
कलकत्ता 700071
पफोन – 22828986 ISBN10-9350832135

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