ओशो रस भीजियो

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‘ओशो रस भीज्‍यों’ आपके लिए अनूठी, रस व प्रेम भरी रचनाएं लेकर आई है जो किस ओशो के एक निकटतम शिष्‍य स्‍वामी अगेह भारती की अगाध श्रद्धा और महाभक्ति की भावभंगिमाओं से प्रस्‍फुटित है। जैसे मीरा कृष्‍ण के प्रेम में दीवानी हो गलियों में प्रभु-मिलन के भजन और गीत गाती, वैसे ही अगेह भारती की ये रचनाएं ओशो के साथ मिलन एवं विरह में 1967 वे 2000 के बीच उनके हृदय के भावों को दर्शाती हैं। ये प्‍यारी रचनाएं पाठकों को खूब आनंद में डुबाती हैं एवं साथ ही साथ उनके हृदय के भावों को दर्शाती हैं। ये प्‍यारी रचनाएं पाठको को खूब आनंद में डुबाती है एवं साथ ही साथ उनके हृदय में एवं ओशो के प्रति वे प्रगाढ़ भाव श्रद्धा से भर जाते हैं। एक भक्‍त की दृष्टि से प्रभु श्री को किन-किन कोणों से देखा गया है ।

ISBN10-8128810316

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