गुर्दा और मूत्रसंस्‍थान के रोग

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गुर्दों के महत्‍व से कोई इनकार नहीं कर सकता। शरीर के सर्वाधिक महत्‍वपूर्ण अंगों में से एक गुर्दें ठीक काम करते रहे तो शरीर के दूषित पदार्थ शरीर से मूत्र द्वारा बाहर निकल जाते हैं और शरीर भली-भांति काम करता रहता है, अन्‍यथा फेफेड़ों व दिल के रोग भी हो सकते हैं।
हमारा नवयुवक यदि मूत्र जलन से पीड़ित है तो प्रोस्‍टेट ग्रंथि की वृद्धि से गुर्दे की पथरी पुरुषों में अधिक पाई जाती है। पित्‍ताशय की पथरी महिलाओं में अधिक मिलती है। गुर्दे फेल होने के मामलों में वृ‍द्धि हुई है। इन सभी बीमारियों के उपचार के विभिन्‍न पहलुओं को भी पुस्‍तक में समेटने की कोशिश की है तो बचाव के बारे में भी बताया है। पुस्‍तक पाठकों व मूत्र-मुर्दा रोगियों के लिए ज्ञानवद्धरक सिद्ध होगी। ISBN10-817182496X

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