व्यंग्य-भरे ये निबंध निश्चय ही अत्यंत रोचक हैं। कहीं तो वाक्य विन्यास ऐसा लगा कि लेखक की कविता ही हो। व्यंग्य के क्षेत्र में लेखक यह प्रयास उल्लेखनीय सिद्ध होगा हास्य के शरीर में व्यंग्य प्राण की तरह हैं जिस शैली में उनकी कविता है उस शैली में लघु निबंध गहरा प्रभाव छोड़ते हैं पढ़ते-पढ़ते एक छोटी-सी हंसी पठन को और स्फूर्ति दे जाती है।
सुरेन्द्र शर्मा
ISBN10-8128813285
Language & Literature, Language Teaching Method