इस पुस्तक में ज्ञान-पत्रोंका संकलन विषयानुसार है, साप्ताहित क्रमानुसार नहीं। पहले अध्याय में उन ठोस विषयों को लिया गया है। जिनमें हम सुधार लाना चाहते हैं जैसे क्रोध, शंका, भय, साथ ही प्रेम ओर वैराग्य के विषय भी, जिन्हेंहमअपने जीवन में ढालना चाहते हैं। दूसरे अध्यायमें उन विषयों को लिया गया है जो हमें यह सिखाते हैं कि आध्यात्मिक पथ पर चलने का क्या अभिप्राय है और सेवा,साधना व सपर्मण का क्या महत्व है। तीसरा अध्याय सूक्ष्म विषयों पर है ईश्वर पर है – ईश्वर को जानना, उनसे हमारा संबंध, अपनी अंर्तात्मा में वापस आना – जिनकी वास्तव में हमें तलाश है, पर जिनकी समझ् नही। ISBN10-9380114281
Diamond Books, Indian Philosophy, Religions & Philosophy, Spirtuality