Kaam-Kala Ke Bhed (काम-कला के भेद)

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पाश्चात्य तथा पूर्वीय काम-शास्त्रियों ने अनेक खोजपूर्ण और महत्त्वपूर्ण ग्रन्थ लिखे हैं। उनसे बहुत-सी महत्त्वपूर्ण बातों का सार लेकर तथा अपने अनुभव और विचार का सहारा लेकर हमने इस पुस्तक को लिखा है। यद्यपि यह पुस्तक इस विषय की पूरी पुस्तक नहीं है, फिर भी इसमें जानने और समझने योग्य इतनी बातें आ गई हैं जितनी हिन्दी की किसी दूसरी पुस्तक में अभी तक प्रकाशित नहीं हुईं। हमें आशा है कि इससे बहुत गृहस्थों को लाभ होगा।
इस पुस्तक में कुछ बिल्कुल नए सिद्धान्त और विचार प्रकट किए गये हैं, जिनका मूल्य बारम्बार मनन करने और गम्भीरता से विचार करने पर मालूम होगा। एक बात मैं स्पष्ट कह देना चाहता हूँ कि यह ग्रन्थ नवयुवकों के लिए कदाचित् उतना उपयोगी साबित न हो जितना प्रौढ़ सद्-गृहस्थों के लिए। वे इससे जितना लाभ उठाएँगे उतना ही मेरा परिश्रम सफल होगा।

About the Author

आचार्य चतुरसेन शास्त्री का जन्म 26 अगस्त, 1891 को भारत में उत्तर प्रदेश राज्य के बुलंदशहर जिले के एक छोटे से गाँव औरंगाबाद चंडोक (अनूपशहर के पास) में हुआ था। उनके पिता पंडित केवाल राम ठाकुर थे और माता नन्हीं देवी थीं। उनका जन्म का नाम चतुर्भुज था। अपनी प्राथमिक शिक्षा समाप्त करने के बाद उन्होंने राजस्थान के जयपुर के संस्कृत कॉलेज में दाखिला लिया जहाँ से उन्होंने वर्ष 1915 में आयुर्वेद और शास्त्री में आयुर्वेद की उपाधि प्राप्त की। उन्होंने आयुर्वेद विद्यापीठ से आयुर्वेदाचार्य की उपाधि भी प्राप्त की।
ISBN10:9355993927
SKU 9789355993922 Category Tags ,