Out from the Heart in Hindi (दिल से निकले उद्गार : Dil se nikle udgaar) The International Best Seller

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1904 में लगभग एक अनजान अंग्रेज़ जेम्स एलन ने एक छोटी पुस्तक ‘अँज ए मैन थिकेंथ’ लिखी। यह पुस्तक विश्व भर में स्वयं-सहायक पुस्तकों में से एक महान पुस्तक बन गई है – ‘स्वयं को सामर्थ्य देना’ ज्यादा उचित वर्णन है – क्योंकि यह न केवल यह उजागर करती है कि हमारी सफलता की कुंजी हमारे स्वयं के मन में है, बल्कि यह भी दिखलाती है कि हम कैसे इन कुंजियों का इस्तेमाल करें – जिससे कि उस महानतम संतुष्टि को प्राप्त कर सकें जिसकी हमने कभी कल्पना की थी।इस संशोधित संस्करण में मार्क एलन ने इस उत्कृष्ट कृति का नवीनीकरण किया है, उसकी भाषा को बदला है जो पुरानी और अप्रचलित हो गयी है, और संदेश की स्पष्टता को प्रखर किया है। उन्होंने जैसा तुम सोचते हो का उद्देश्य सभी के लिए दर्शित किया हैं, और विवरण किया है कि कैसे ये सिद्धान्त वास्तव में सर्वलौकिक हैं और सब पर लागू होते हैं चाहे उनका लिंग, उम्र, जाति, मत, सामाजिक वर्ग या शिक्षा कुछ भी क्यों न हो।जैसा तुम सोचते हो एक साधारण लेकिन फिर भी शक्तिशाली स्मरण है कि हम जो भी प्राप्त करते हैं और जो भी प्राप्त करने में असफल होते हैं, वह हमारे अपने विचारों का साक्षात फल हैं। हम अपने भाग्य के निर्माता हैं।

About the Author

ब्रिटिश दार्शनिक लेखक जेम्स एलेन का जन्म इंग्लैंड के लीसेस्टर में 28 नवंबर 1864 को हुआ था। वो एक जाने माने कवि व दार्शनिक लेखक थे। उनकी रचनाये आज भी हमें प्रेरणा देती हैं। जो स्व-सहायता लेखकों के लिए प्रेरणा का एक स्रोत रहे। उन्होंने अपनी प्रेरणादायक पुस्तकों और कविता की सहायता एक जन आंदोलन खड़ा किया जिससे करोड़ो बदलाव कने में मदद की। एलन दो भाइयों में सबसे बड़ा था। उनकी मां न तो पढ़ सकती थीं और न ही लिख सकती थीं। उनके पिता, विलियम एक फैक्ट्री के मालिक थे। 1879 में, मध्य इंग्लैंड के कपड़ा व्यापार में मंदी के बाद, एलन के पिता ने काम खोजने और परिवार के लिए एक नया घर स्थापित करने के लिए अकेले अमेरिका की यात्रा की। माना जाता है कि दो दिनों के भीतर उनके पिता को न्यूयॉर्क सिटी अस्पताल में मृत घोषित कर दिया गया था, माना जाता है कि यह लूट और हत्या का मामला था। पंद्रह साल की उम्र में, परिवार को अब आर्थिक आपदा का सामना करना पड़ रहा था, एलन को स्कूल छोड़ने और काम खोजने के लिए मजबूर किया गया था।

ISBN10-9354862330

SKU 9789354862335 Categories , Tags ,