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संभोग से समाधि की ओर

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ISBN : 9788171822126 SKU: 8171822126 Category:

संभोग से समाधि की ओर ओशो की प्रसिद्ध और विवादास्पद पुस्तक है, जिसमें उन्होंने काम, प्रेम और ध्यान को आत्मज्ञान और मुक्ति की दिशा में एक गहन यात्रा के रूप में प्रस्तुत किया है। ओशो का दृष्टिकोण पारंपरिक सोच से हटकर है, जिसमें वे यह समझाते हैं कि काम (संभोग) केवल एक भौतिक अनुभव नहीं है, बल्कि इसे आध्यात्मिक साधना में बदला जा सकता है।

ओशो के अनुसार, यदि प्रेम और काम को सही दिशा में ले जाया जाए, तो वह व्यक्ति को आत्मज्ञान और समाधि की ओर ले जा सकता है। यह पुस्तक एक मार्गदर्शक है, जो काम और प्रेम के माध्यम से ध्यान और आत्मबोध तक पहुँचने के उपाय बताती है।

ओशो कहते हैं कि मनुष्य का अस्तित्व सिर्फ शरीर तक सीमित नहीं है, बल्कि प्रेम और ध्यान से जुड़कर हम अपने अस्तित्व के उच्चतम स्तर तक पहुँच सकते हैं। संभोग से समाधि की ओर का संदेश यह है कि भौतिक और आध्यात्मिक जीवन में कोई विरोधाभास नहीं है, बल्कि वे एक ही यात्रा के विभिन्न पहलू हैं।

पुस्तक का परिचय:

संभोग से समाधि की ओर ओशो की उन प्रमुख पुस्तकों में से एक है, जिसमें वे काम, प्रेम और ध्यान के माध्यम से आत्मज्ञान की यात्रा पर विस्तृत चर्चा करते हैं। यह पुस्तक पारंपरिक धारणाओं को चुनौती देती है और एक नया दृष्टिकोण प्रस्तुत करती है।

ओशो का दृष्टिकोण:

इस पुस्तक में ओशो का काम और ध्यान के प्रति दृष्टिकोण अत्यधिक विशिष्ट और गहन है। वे बताते हैं कि काम और प्रेम केवल भौतिक नहीं हैं, बल्कि उन्हें ध्यान के माध्यम से समाधि तक पहुँचाया जा सकता है।

काम और ध्यान का संबंध:

पुस्तक में काम और ध्यान के बीच के गहरे संबंध को समझाया गया है। ओशो बताते हैं कि कैसे काम की ऊर्जा को सही दिशा में ले जाकर हम ध्यान और आत्मज्ञान प्राप्त कर सकते हैं।

आत्मज्ञान की यात्रा:

ओशो के अनुसार, आत्मज्ञान की यात्रा प्रेम और ध्यान के माध्यम से होती है। यह पुस्तक हमें यह समझने में मदद करती है कि कैसे जीवन के भौतिक और आध्यात्मिक पहलुओं में सामंजस्य बिठाकर हम संतुलन प्राप्त कर सकते हैं।

क्यों पढ़ें संभोग से समाधि की ओर:

यह पुस्तक उन लोगों के लिए आदर्श है, जो जीवन के गहरे सवालों का उत्तर ढूँढ रहे हैं और काम, प्रेम, और ध्यान के गहरे आध्यात्मिक संबंध को समझना चाहते हैं। ओशो का दृष्टिकोण इस पुस्तक में एक नए और अनूठे तरीके से प्रस्तुत किया गया है।

Weight 0.425 g
Dimensions 21.59 × 13.97 × 2.9 cm
Author

Osho

ISBN

8171822126

Pages

296

Format

Paperback

Language

Hindi

Publisher

Diamond Books

ISBN 10

8171822126

FAQs

संभोग से समाधि की ओर किस बारे में है?
यह पुस्तक ओशो की गहन विचारधारा को प्रस्तुत करती है, जिसमें वे काम, प्रेम और ध्यान को आत्मज्ञान की यात्रा के रूप में समझाते हैं। ओशो के अनुसार, काम एक शुरुआती बिंदु है, जिसे सही दृष्टिकोण और साधना से समाधि तक पहुँचाया जा सकता है।
ओशो का काम और ध्यान के बारे में क्या दृष्टिकोण है?
ओशो मानते हैं कि काम (संभोग) और ध्यान एक ही ऊर्जा के विभिन्न रूप हैं। काम को आध्यात्मिक साधना में बदला जा सकता है और इससे ध्यान की ऊँचाइयों तक पहुँचा जा सकता है। उनका दृष्टिकोण यह है कि भौतिक और आध्यात्मिक जीवन में सामंजस्य होना चाहिए।
इस पुस्तक को पढ़ने से मुझे क्या लाभ होगा?
यह पुस्तक आपको काम, प्रेम, और ध्यान के गहरे संबंध को समझने में मदद करेगी। ओशो का दृष्टिकोण आपको आत्मबोध की दिशा में प्रेरित करेगा और प्रेम और ध्यान के माध्यम से जीवन में संतुलन प्राप्त करने के उपाय सिखाएगा।
क्या यह पुस्तक केवल वयस्कों के लिए है?
हाँ, यह पुस्तक एक गहरी आध्यात्मिक और यथार्थवादी दृष्टिकोण प्रस्तुत करती है, जो काम और ध्यान के विषयों पर केंद्रित है। इसलिए, यह मुख्य रूप से वयस्क पाठकों के लिए है, जो आत्मज्ञान और जीवन के गहरे प्रश्नों को समझने में रुचि रखते हैं।
संभोग से समाधि की ओर का मुख्य संदेश क्या है?
इस पुस्तक का मुख्य संदेश यह है कि प्रेम और काम का सही दिशा में उपयोग करके व्यक्ति आत्मज्ञान और समाधि की ओर बढ़ सकता है। ओशो के अनुसार, भौतिक और आध्यात्मिक जीवन में सामंजस्य आवश्यक है, और दोनों एक ही यात्रा के अलग-अलग चरण हैं।

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