इस पुस्तक के बारे में:
ओशो के प्रखर विचारों ने, ओजस्वी वाणी ने मनुष्यता के दुश्मनों पर, संप्रदायों पर, मठाधीशों पर, अंधे राजनेताओं पर, जोरदार प्रहार किया। लेकिन पत्र-पत्रिकाओं ने छापीं या तो ओशो पर चटपटी मनगढंत खबरें या उनकी निंदा की, भ्रम के बादल फैलाए। ये भ्रम के बादल आड़े आ गये ओशो और लोगों के। जैसे सूरज के आगे बादल आ जाते हैं। इससे देर हुई। इससे देर हो रही है मनुष्य के सौभाग्य को मनुष्य तक पहुंचने में।
लेखक के बारे में
क्या u0022संभोग से समाधि की ओर : भाग – 1u0022 केवल यौन शिक्षा पर आधारित है?
नहीं, u0022संभोग से समाधि की ओर : भाग – 1u0022 यौन शिक्षा से कहीं अधिक है। यह पुस्तक यौन ऊर्जा को आध्यात्मिक ऊर्जा में रूपांतरित करने के मार्ग को स्पष्ट करती है, जिसमें ध्यान और आत्मबोध की महत्वपूर्ण भूमिका है।
u0022संभोग से समाधि की ओर : भाग – 1u0022 में ओशो का क्या दृष्टिकोण है?
u0022संभोग से समाधि की ओर : भाग – 1u0022 में ओशो का दृष्टिकोण यह है कि संभोग को एक पवित्र और स्वाभाविक प्रक्रिया के रूप में स्वीकार करके, उसे ध्यान और समाधि की उच्च अवस्थाओं तक पहुँचने का साधन बनाया जा सकता है।
u0022संभोग से समाधि की ओर : भाग – 1u0022 किसे पढ़नी चाहिए?
u0022संभोग से समाधि की ओर : भाग – 1u0022 उन लोगों के लिए है जो अपनी यौन ऊर्जा को समझना और उसे एक उच्चतर आध्यात्मिक अनुभव में परिवर्तित करना चाहते हैं। यह विशेष रूप से ध्यान और आत्मबोध की खोज करने वाले पाठकों के लिए उपयुक्त है।
ओशो ने u0022संभोग से समाधि की ओर : भाग – 1u0022 में यौन ऊर्जा के बारे में क्या कहा है?
u0022संभोग से समाधि की ओर : भाग – 1u0022 में ओशो ने कहा है कि यौन ऊर्जा ब्रह्मांड की सबसे महत्वपूर्ण और गहन ऊर्जा है, जिसे सही दिशा में रूपांतरित करके समाधि प्राप्त की जा सकती है। यह ऊर्जा जीवन के सभी पहलुओं में उपयोगी है, अगर इसे सही तरीके से समझा और नियंत्रित किया जाए।
क्या u0022संभोग से समाधि की ओर : भाग – 1u0022 में केवल काम पर चर्चा होती है?
नहीं, u0022संभोग से समाधि की ओर : भाग – 1u0022 में केवल काम पर ही नहीं, बल्कि ध्यान, आत्मज्ञान, और जीवन के गहरे रहस्यों पर भी चर्चा की गई है। ओशो का मानना है कि यौन ऊर्जा से परे जाकर ध्यान और समाधि की अवस्था को प्राप्त किया जा सकता है।
u0022संभोग से समाधि की ओर : भाग – 1u0022 के अनुसार यौन ऊर्जा और आध्यात्मिकता में क्या संबंध है?
u0022संभोग से समाधि की ओर : भाग – 1u0022 के अनुसार यौन ऊर्जा और आध्यात्मिकता के बीच गहरा संबंध है। ओशो बताते हैं कि यदि यौन ऊर्जा को सही दिशा में रूपांतरित किया जाए, तो यह ध्यान और समाधि की ऊँचाइयों तक ले जा सकती है।