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ओशो कहते हैं कि चित्त को इतना बोझिल, जटिल और बूढ़ा कर दे कि उसका जीवन से सीधा संपर्क छिन्न-भिन्न हो जाए तो यह शुभ नहीं है। बोझिल और बूढ़ा चित्त जीवन के ज्ञान, आनंद और सौंदर्य सभी से वंचित रह जाता है। ज्ञान, आनंद और सौंदर्य की अनुभूति के िलए तो युवा चित्त चाहिए। शरीर तो बूढ़ा होने को आबद्ध है लेकिन चित्त नही। चित्त तो सदा युवा रह सकता है। मृत्यु के अंतिम क्षण तक चित्त युवा रह सकता है, और ऐसा चित्त ही जीवन और मृत्यु के रहस्यों को जान पाता है। ऐसा चित्त ही धार्मिक चित्त है। शिक्षा के क्षे7 में ओशो के नए प्रयोगो को जानि
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ओशो एक ऐसे आध्यात्मिक गुरू रहे हैं, जिन्होंने ध्यान की अतिमहत्वपूर्ण विधियाँ दी। ओशो के चाहने वाले पूरी दुनिया में फैले हुए हैं। इन्होंने ध्यान की कई विधियों के बारे बताया तथा ध्यान की शक्ति का अहसास करवाया है।
हमें ध्यान क्यों करना चाहिए? ध्यान क्या है और ध्यान को कैसे किया जाता है। इनके बारे में ओशो ने अपने विचारों में विस्तार से बताया है। इनकी कई बार मंच पर निंदा भी हुई लेकिन इनके खुले विचारों से इनको लाखों शिष्य भी मिले। इनके निधन के 30 वर्षों के बाद भी इनका साहित्य लोगों का मार्गदर्शन कर रहा है।
ओशो दुनिया के महान विचारकों में से एक माने जाते हैं। ओशो ने अपने प्रवचनों में नई सोच वाली बाते कही हैं। आचार्य रजनीश यानी ओशो की बातों में गहरा अध्यात्म या धर्म संबंधी का अर्थ तो होता ही हैं। उनकी बातें साधारण होती हैं। वह अपनी बाते आसानी से समझाते हैं मुश्किल अध्यात्म या धर्म संबंधीचिंतन को ओशो ने सरल शब्दों में समझया हैं।
“शिक्षा नए प्रयोग” में आधुनिक तकनीकों का उपयोग कैसे समझाया गया है?
“शिक्षा नए प्रयोग” में आधुनिक तकनीकों जैसे कि ई-लर्निंग, स्मार्ट क्लासरूम और डिजिटल उपकरणों का उपयोग शिक्षा में कैसे किया जाए, इस पर विस्तार से चर्चा की गई है।
क्या “शिक्षा नए प्रयोग” में छात्रों की भागीदारी को बढ़ाने के उपाय दिए गए हैं?
हां, “शिक्षा नए प्रयोग” में छात्रों की भागीदारी बढ़ाने के लिए कई नए और प्रभावी उपायों पर चर्चा की गई है।
“शिक्षा नए प्रयोग” के लेखक को यह पुस्तक लिखने की प्रेरणा कहां से मिली?
“शिक्षा नए प्रयोग” के लेखक को यह पुस्तक लिखने की प्रेरणा शिक्षा में हो रहे वैश्विक बदलावों और नई तकनीकों से मिली है।
“शिक्षा नए प्रयोग” पुस्तक में व्यावहारिक सुझाव दिए गए हैं?
हां, “शिक्षा नए प्रयोग” में व्यावहारिक सुझाव दिए गए हैं जो शिक्षकों और शैक्षिक संस्थानों को उनके शैक्षिक कार्यक्रमों में सुधार करने में मदद कर सकते हैं।
“शिक्षा नए प्रयोग” किस प्रकार के पाठकों के लिए उपयुक्त है?
“शिक्षा नए प्रयोग” उन पाठकों के लिए उपयुक्त है जो शिक्षा के क्षेत्र में नवाचारों और सुधारों के प्रति रुचि रखते हैं।
“शिक्षा नए प्रयोग” में किन प्रमुख शैक्षिक मुद्दों को संबोधित किया गया है?
“शिक्षा नए प्रयोग” में शिक्षा की गुणवत्ता, शैक्षिक सुधार और विद्यार्थियों की सक्रिय भागीदारी जैसे प्रमुख मुद्दों को संबोधित किया गया है।