Call us on: +91-9716244500

Free shipping On all orders above Rs 600/-

We are available 10am-5 pm, Need help? contact us

Sale!

Shunya Samadhi (शून्य समाधि) by osho

Original price was: ₹175.00.Current price is: ₹174.00.

A Book Is Forever
Shunya Samadhi (शून्य समाधि) By Osho
A Book Is Forever
Shunya Samadhi (शून्य समाधि) By Osho
A Book Is Forever
Shunya Samadhi (शून्य समाधि) By Osho
Gunge Keri Sarkar-0
Shunya Samadhi (शून्य समाधि) By Osho

पुस्तक के बारे में

आज सारी मनुष्यता बीमार है। प्रकृति के चारों तरफ दीवालें उठा दी गई हैं और आदमी उनके भीतर बैठ गया है। और यह आदमियत स्वस्थ नहीं हो सकेगी जब तक कि चारों तरफ उठी हुईं दीवालों को हम गिरा कर प्रकृति से वापस संबंधन बांध सकें।
परमात्मा के संबंध सबसे पहले प्रकृति के सान्निध्य के रूप में ही उत्पन्न होते हैं। परमात्मा से सीधा क्या संबंध हो सकता है? सीधा परमात्मा तक क्या पहुंच हो सकती है? उस अनंत पर हमारे क्या हाथ हो सकते हैं? हमारे क्या पैर बढ़ सकते हैं? लेकिन जो निकट है, जो चारों तरफ मौजूद है, उसके बीच और हमारे बीच की दीवालें तो गिराई जा सकती हैं। उसके बीच और हमारे बीच द्वार तो हो सकता है, खुले झरोखे तो हो सकते हैं। लेकिन वे नहीं हैं। और प्रकृति का सान्निध्य कुछ मूल्य पर नहीं मिलता, बिलकुल मुफ्त मिलता है। लेकिन हमने वह छोड़ दिया । हमें उसका खयाल नहीं रह गया है। आदमी की पूरी आत्मा इसीलिए रुग्ण हो गई है।

लेखक के बारे में

ओशो एक ऐसे आध्यात्मिक गुरू रहे हैं, जिन्होंने ध्यान की अतिमहत्वपूर्ण विधियाँ दी। ओशो के चाहने वाले पूरी दुनिया में फैले हुए हैं। इन्होंने ध्यान की कई विधियों के बारे बताया तथा ध्यान की शक्ति का अहसास करवाया है। हमें ध्यान क्यों करना चाहिए? ध्यान क्या है और ध्यान को कैसे किया जाता है। इनके बारे में ओशो ने अपने विचारों में विस्तार से बताया है। इनकी कई बार मंच पर निंदा भी हुई लेकिन इनके खुले विचारों से इनको लाखों शिष्य भी मिले। इनके निधन के 30 वर्षों के बाद भी इनका साहित्य लोगों का मार्गदर्शन कर रहा है। ओशो दुनिया के महान विचारकों में से एक माने जाते हैं। ओशो ने अपने प्रवचनों में नई सोच वाली बाते कही हैं। आचार्य रजनीश यानी ओशो की बातों में गहरा अध्यात्म या धर्म संबंधी का अर्थ तो होता ही हैं। उनकी बातें साधारण होती हैं। वह अपनी बाते आसानी से समझाते हैं मुश्किल अध्यात्म या धर्म संबंधीचिंतन को ओशो ने सरल शब्दों में समझया हैं।

u003cstrongu003eओशो के अनुसार शून्य समाधि का क्या अर्थ है?u003c/strongu003e

शून्य समाधि का अर्थ है पूर्ण शून्यता, जहां मन पूरी तरह से शांत हो जाता है। यह स्थिति आत्मज्ञान की ओर ले जाती है, जहां व्यक्ति अहंकार से मुक्त होकर शुद्ध चेतना का अनुभव करता है।

u003cstrongu003eओशो के अनुसार शून्य समाधि का क्या अर्थ है?u003c/strongu003e

शून्य समाधि का अर्थ है पूर्ण शून्यता, जहां मन पूरी तरह से शांत हो जाता है। यह स्थिति आत्मज्ञान की ओर ले जाती है, जहां व्यक्ति अहंकार से मुक्त होकर शुद्ध चेतना का अनुभव करता है।

u003cstrongu003eध्यान में शून्यता का क्या महत्व है?u003c/strongu003e

शून्यता से व्यक्ति अपने भीतर की गहराई और सच्ची शांति को महसूस कर सकता है। यह अहंकार को समाप्त कर आत्म-बोध की दिशा में आगे बढ़ने का मार्ग प्रशस्त करती है।

u003cstrongu003eशून्य समाधि किसे पढ़नी चाहिए?u003c/strongu003e

यह पुस्तक उन लोगों के लिए है जो ध्यान, आत्म-जागृति और गहरे आध्यात्मिक ज्ञान की तलाश में हैं। यह पाठक को शून्यता और आंतरिक स्थिरता का अनुभव करने की दिशा में प्रेरित करती है।

u003cstrongu003eओशो शून्य समाधि में आत्मज्ञान को कैसे परिभाषित करते हैं?u003c/strongu003e

ओशो के अनुसार, आत्मज्ञान वह स्थिति है जब मन और विचार पूरी तरह समाप्त हो जाते हैं। इसमें व्यक्ति शून्यता की स्थिति में पहुंचता है और शुद्ध चेतना का अनुभव करता है

u003cstrongu003eशून्य समाधि में मौन का क्या महत्व है?u003c/strongu003e

मौन शून्यता की स्थिति का प्रतीक है, जो व्यक्ति को आंतरिक शांति और स्थिरता की ओर ले जाता है। ओशो इसे आत्म-जागृति का महत्वपूर्ण साधन मानते हैं।

Additional information

Weight 240 g
Dimensions 21.59 × 13.09 × 0.9 cm
Author

osho

ISBN

9789391951146

Pages

80

Format

Paperback

Language

Hindi

Publisher

Junior Diamond

Amazon

https://www.amazon.in/dp/9391951147

Flipkart

https://www.flipkart.com/shunya-samadhi/p/itm25f3719858685?pid=9789391951146

ISBN 10

9391951147

शून्य समाधि आत्म-ज्ञान और शांति की खोज की दिशा में एक गहन पुस्तक है, जो ध्यान और समाधि की महत्ता को समझाती है। इसमें शून्यता की अवस्था में प्रवेश करने के लिए प्राचीन ध्यान विधियों का वर्णन किया गया है। इस यात्रा में अहंकार को त्यागकर व्यक्ति परम शांति और मुक्ति का अनुभव कर सकता है। यह पुस्तक आत्मिक विकास और आंतरिक संतुलन की प्राप्ति के लिए मार्गदर्शन देती है।

ISBN10-939008864X

ISBN10-939008864X

SKU 9789390088645 Categories , , Tags , ,