Swadheen Bharat Ke Rajnitigya Santon Ke Vichar-Amrit (स्वाधीन भारत के राजनीतिज्ञ संतों के विचार-अमृत)

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दादा धर्माधिकारी एक व्यक्ति से अधिक व्यक्तित्व थे- सर्वोदय-दर्शन के जीवन्त प्रतीक पुरुष! जीवन-समर्थक गतिविधियों के प्रति समर्पित दादा ने अनासक्त- योग की ऐसी प्रबल साधना की, कि सांसारिक स्वार्थों से परे होकर सर्वोदय के पहरुए के रूप में आजन्म खड़े रहे। शास्त्र-साहित्य के अध्येता, राजनीतिक विचारों के मर्मज्ञ विद्वान दादा की वार्ताओं में जीवन-सार सूक्तियों के रूप में सतत प्रवाहित होते रहे। उनके चिन्तन पर ज्ञान का कोई बोझ न था। दादा की राजनीतिक समझ बहुत सूक्ष्म और निर्भयता की थी। गांधीवाद को दादा ने व्यापक सारग्राही अवस्था प्रदान की। विनोबा की सोच को बड़े पैमाने पर विस्तार दिया। जयप्रकाश नारायण की सम्पूर्ण क्रान्ति’ के तात्त्विक अन्वेषक और विश्लेषक रहे।
विचार मानस की निर्मिति है। मानस विचारों का जनक है। दादा धर्माधिकारी ने अपने संक्रमणकालीन समय में भारतीय संस्कृति और ज्ञान से विचारों की धारा प्रवाहित की । प्रस्तुत है लोक-पुरुष दादा के विचारों की सूक्तियाँ, जो आगामी सदी के लिए बुनियादी तालीम प्रदान करती हैं।
– प्रो. पुष्पिता अवस्थी

About the Author

डॉ. पुष्पिता अवस्थी का जन्म 14 जनवरी, 1960 को कानपुर देहात के गुड़गाँव ग्राम के जमींदार परिवार में हुआ। प्रो. पुष्पिता अवस्थी मूलत: संवेदनशील कवि और गंभीर मानवीय मूल्यों के संरक्षण की चिंतक हैं। 13 काव्य संग्रहों सहित विश्व के अनछुए विषयों पर सभी विधाओं में अपनी पैठ और पकड़ बनाते हुए उनकी सत्तर से अधिक सम्मानित पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। विश्व यायावर पुष्पिता की पुरस्कृत पुस्तकों की देश-विदेश की भाषाओं में अनुवाद प्रकाशित हो चुके हैं। विश्वविद्यालय के 12 हिंदी विभागों के पाठ्यक्रम में कविताएँ और कहानियाँ संलग्न हैं एवं कई विश्वविद्यालय में शोध कार्य जारी है। जिसमें से कुछ पीएच. डी की उपाधि से विभूषित हो चुके हैं।

संपर्क: प्रो. डॉ. पुष्पिता अवस्थी

1. अध्यक्ष- हिंदी यूनिवर्स फाउंडेशन, नीदरलैण्ड
2. ग्लोबल अंबेसडर MIT वर्ल्ड पोजस यूनिवर्सिटी, वर्ल्ड पीस डोम, पूना
3. अध्यक्ष- आचार्य कुल, वर्धा
4. अटल फाउंडेशन – अंतर्राष्ट्रीय संयोजक
5. हरिजन सेवक संघ – ग्लोबल एंबेसडर
6. अध्यक्ष – इंटरनेशनल नान वायलेंस एंड पीस एकेडमी
7. अध्यक्ष, गार्जियन ऑफ अर्थ एंड ग्लोबल कल्चर

ISBN10-9359648485

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