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**”शायद मनुष्य होने की यह अनिवार्यता है, यह नियति है कि मनुष्य टूटे प्रकृति से और फिर से जुड़े!
- ओशो**
चीन की रहस्यमयी ताओ परंपरा के उद्गाता लाओत्से के वचनों पर ओशो के इन प्रस्तुत प्रवचनों के मुख्य विषय-बिंदु:
- शक्ति पर कोमलता की विजय के रहस्य।
- क्या है चरित्र? क्या है श्रेष्ठ चरित्र?
- विश्व-शांति का सूत्र क्या है?
- जगत में सर्वोच्च मूल्यवान क्या है? कैसे वह उपलब्ध हो?”**
About The Author
ओशो एक ऐसे आध्यात्मिक गुरू रहे हैं, जिन्होंने ध्यान की अतिमहत्वपूर्ण विधियाँ दी। ओशो के चाहने वाले पूरी दुनिया में फैले हुए हैं। इन्होंने ध्यान की कई विधियों के बारे बताया तथा ध्यान की शक्ति का अहसास करवाया है।हमें ध्यान क्यों करना चाहिए? ध्यान क्या है और ध्यान को कैसे किया जाता है। इनके बारे में ओशो ने अपने विचारों में विस्तार से बताया है। इनकी कई बार मंच पर निंदा भी हुई लेकिन इनके खुले विचारों से इनको लाखों शिष्य भी मिले। इनके निधन के 30 वर्षों के बाद भी इनका साहित्य लोगों का मार्गदर्शन कर रहा है। ओशो दुनिया के महान विचारकों में से एक माने जाते हैं। ओशो ने अपने प्रवचनों में नई सोच वाली बाते कही हैं। आचार्य रजनीश यानी ओशो की बातों में गहरा अध्यात्म या धर्म संबंधी का अर्थ तो होता ही हैं। उनकी बातें साधारण होती हैं। वह अपनी बाते आसानी से समझाते हैं मुश्किल अध्यात्म या धर्म संबंधीचिंतन को ओशो ने सरल शब्दों में समझया हैं।
“ताओ उपनिषद भाग-4” का मुख्य उद्देश्य क्या है?
“ताओ उपनिषद भाग-4” का उद्देश्य ताओ और उपनिषद के सिद्धांतों के माध्यम से व्यक्ति को आत्मज्ञान और आंतरिक शांति की ओर मार्गदर्शन करना है।
“ताओ उपनिषद भाग-4” में किस प्रकार की आध्यात्मिक शिक्षा दी गई है?
“ताओ उपनिषद भाग-4” में ध्यान, साधना, और ताओ की जीवनशैली के सिद्धांतों के माध्यम से आत्मिक शांति की प्राप्ति की शिक्षा दी गई है।
“ताओ उपनिषद भाग-4” का अध्ययन किस प्रकार के पाठकों के लिए उपयोगी है?
“ताओ उपनिषद भाग-4” उन पाठकों के लिए उपयोगी है जो गहरे आध्यात्मिक और दार्शनिक सिद्धांतों को समझने के इच्छुक हैं और जीवन में संतुलन की खोज कर रहे हैं।
क्या “ताओ उपनिषद भाग-4” में ताओ और उपनिषद के सिद्धांतों को आधुनिक संदर्भ में पेश किया गया है?
हां, “ताओ उपनिषद भाग-4” में ताओ और उपनिषद के सिद्धांतों को इस तरह से प्रस्तुत किया गया है कि वे आज के जीवन में भी प्रासंगिक और उपयोगी साबित हों।
“ताओ उपनिषद भाग-4” में ध्यान का क्या महत्व बताया गया है?
“ताओ उपनिषद भाग-4” में ध्यान को आत्मज्ञान और मानसिक शांति प्राप्त करने का एक महत्वपूर्ण साधन माना गया है।
क्या “ताओ उपनिषद भाग-4” ताओ और उपनिषद के पारंपरिक ज्ञान को सरल शब्दों में प्रस्तुत करता है?
हां, “ताओ उपनिषद भाग-4” में जटिल सिद्धांतों को सरल भाषा में समझाया गया है, ताकि पाठक इसे आसानी से समझ सकें और अपने जीवन में लागू कर सकें।