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किताब के बारे में
विचार प्रवाह -: मन की अनुभूतियां जब ठोस स्वरूप ग्रहण करती हैं तब जन्म होता है विचारों का। विचार हमारे अनुभव, हमारी सोच की अभिव्यक्ति हैं और वह अपनी प्रकृति से ही सामाजिक होते हैं क्योंकि मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है वह अकेला नहीं रह सकता है सबसे कटा, अकेला मनुष्य या तो देवता है या दानव। वह मानव नहीं हो सकता है। मानसिक रोगी भी सामाजिक जीवन की त्रासदियों का शिकार होता है। उसके अलगाव में समाज कहीं-ना-कहीं उपस्थिति आवश्यक होता है। सामाजिक प्राणी के रूप में मनुष्य समाज के उतार-चढ़ा व, दशा -दिशा और उसके गुण-दोष के प्रति जागरुक रहते हुए उनका प्रत्यक्ष गवाह होता है और अपनी प्रतिक्रिया को व्यक्त करता है। यह प्रतिक्रिया नकारात्मक और सकारात्मक , दोनों प्रकार की हो सकती है। नकारात्मक प्रतिक्रिया समाज को बर्बादी के रास्ते स्ते पर ले जाती है तो सकारात्मक प्रतिक्रिया समाज को प्रगति के पथ की ओर अग्रसर करती है। इसी प्रतिक्रिया को हम विचार कहते हैं।
लेखक के बारे में
राष्ट्रीय स्तर पर उच्च शिक्षा जगत में राजनीति विज्ञान के सुप्रसिद्ध प्रवक्ता दिल्ली विश्वविद्यालय से संबद्ध पीजी डी ए वी महाविद्यालय से सेवानिवृत्त हैं। राजनीति विज्ञान के साथ-साथ हिंदी साहित्य के सशक्त हस्ताक्षर हैं। अंतरराष्ट्रीय संस्था ऑथर्स गिल्ड ऑफ इंडिया के वर्तमान में महासचिव और इंडियन रेप्रोग्राफिक राइट्स आर्गेनाईजेशन के उपाध्यक्ष हैं। दस शैक्षणिक पुस्तकों के अतिरिक्त आपने साहित्य की विभिन्न डॉ. शिवशंकर अवस्थी विधाओं में तेरह पुस्तकों की रचना की है। अनेक पुस्तकों का संपादन किया है। ‘तुम्हें क्या मालूम’ आपका काव्य संग्रह है। समय-समय पर विभिन्न समाचार पत्र-पत्रिकाओं में लेख, कथा, कविताएं इत्यादि प्रकाशित होते रहते हैं। आपने अंग्रेजी से हिन्दी में अनुवाद किए हैं और आपके द्वारा लिखित अनेक धारावाहिक, टेलीफिल्म और वृत्तचित्र दूरदर्शन पर प्रसारित हो चुके हैं। जर्मनी, फ्रांस, सऊदी अरब सहित अनेक देशों का भ्रमण करने वाले डॉ. शिवशंकर अवस्थी हिंदी अकादमी दिल्ली सहित अनेक साहित्यिक एवं सामाजिक संगठनों में विभिन्न पदों पर सुशोभित हुए हैं।
यह पुस्तक मनुष्य के विचारों की उत्पत्ति, सामाजिक प्रकृति और उनके प्रभावों पर केंद्रित एक दार्शनिक और समाजशास्त्रीय विश्लेषण है।
लेखक के अनुसार मानसिक रोग भी सामाजिक जीवन की त्रासदियों का परिणाम होता है, जो समाज से अलगाव का संकेत है।
सकारात्मक विचार समाज को प्रगति की ओर ले जाते हैं, जबकि नकारात्मक विचार उसे विनाश की ओर।
वे राजनीति विज्ञान और हिंदी साहित्य के जाने-माने विद्वान हैं, जिन्होंने कई पुस्तकें लिखी हैं और दूरदर्शन के लिए भी काम किया है।
हाँ, लेखक ने समाज और जीवन के प्रति अपने गहन अनुभवों और विचारों को भी साझा किया है।
Weight | 0.150 g |
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Dimensions | 21.59 × 13.97 × 1.4 cm |
Author | Dr. Shiv Shanker Awasthi |
Pages | 160 |
Format | Paperback |
Language | Hindi |
Publisher | Diamond Books |
ISBN10-: 9363208486
LITERARY CRITICISM / Comparative Literature
Fiction Books, EDUCATION / Reference
Fiction Books, Romance / Fantasy
Fiction Books, Humour, Issues, Social Studies