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Yog Dwara Hriday Rog Se Mukti in Hindi (योग द्वारा ह्रदय रोग से मुक्ति)-1
Yog Dwara Hriday Rog Se Mukti in Hindi (योग द्वारा ह्रदय रोग से मुक्ति)-1
Yog Dwara Hriday Rog Se Mukti in Hindi (योग द्वारा ह्रदय रोग से मुक्ति)-2

Yog Dwara Hriday Rog Se Mukti in Hindi(योग द्वारा ह्रदय रोग से मुक्ति)-In Hardcover

Original price was: ₹300.00.Current price is: ₹299.00.

किताब के बारे में

जानिए कैसे योग द्वारा ह्रदय रोग से मुक्ति पाई जा सकती है। मेडिकल सांइस की दुनिया में डॉ. बिमल छाजेड़, (एम.बी.बी.एस., एम.डी.) एक जाने-पहचाने व्यक्ति हैं। ये भारत में नॉन इन्वेसिव कॉर्डियोलॉजी के जन्मदाता हैं। इनका जन्म वर्ष 1961 में बंगाल के एक जैन परिवार में हुआ। इन्होंने कोलकाता से एम.बी.बी.एस. और लखनऊ से एम.डी. की शिक्षा ली। डॉक्टर छाजेड़ ने विख्यात अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में छह वर्ष तक सीनियर रेसीडेण्ट और सहायक प्रोफेसर के पद पर काम किया। वर्ष 1995 में इन्होंने AIIMS छोड़ दिया और अपनी रिसर्च के आधार पर ‘साओल’ की स्थापना की। साओल का मतलब है- विज्ञान तथा जीवन जीने की कला (साइंस एण्ड आर्ट ऑफ लीविंग) जो आधुनिक मेडिकल साइंस और जीवन जीने की कला को जोड़ता है। इनका हृदय रोग के रिवर्सल के लिए चलाया गया त्रिदिवसीय कार्यक्रम बहुत प्रसिद्ध हुआ। यह कार्यक्रम भारत के लगभग सभी मुख्य शहरों में शुरू किया गया है। हृदय की देखभाल के लिए इन्होंने जो ‘साओल हृदय कार्यक्रम’ चलाया है वह भारत में हृदय की देखभाल का सबसे लोकप्रिय तरीका है जिसमें चीर-फाड़ की कोई आवश्यकता नहीं पड़ती। डॉ. छाजेड़ ने सौ से ज्यादा किताबें लिखी हैं, जिनकी गिनती सर्वाधिक बिकने वाली किताबों में होती है। इनकी किताबों का भारत की लगभग सभी क्षेत्रीय भाषाओं में अनुवाद किया गया है। इन्होंने ‘जीरो ऑयल कुकिंग’ के माध्यम से भोजन बनाने का नया तरीका बताया, जो पूरे भारत में बहुत प्रसिद्ध हुआ। इन्होंने हृदय रोगियों के लिए बिना तेल के 1000 व्यंजन तैयार किए हैं तथा भारत में सौ से ज्यादा शहरों में तथा विदेशों में भी व्याख्यान दिए हैं। इनकी तनाव प्रबंधन की कक्षाओं और तकनीकों ने हजारों लोगों की जिंदगी बदल दी है। इस क्षेत्र में अपनी इन उपलब्धियों के लिए इन्हें कई बार सम्मानित भी किया जा चुका है।

लेखक के बारे में

डॉ. बिमल छाजेड़, एमबीबीएस, एमडी चिकित्सीय दुनिया के जाने-माने व्यक्ति हैं। वह हृदय रोग और उससे बचाव के विशेषज्ञ हैं। उनकी सलाह को अपनाने से हृदयाघात, बाईपास सर्जरी अथवा एंजियोप्लास्टी को टाला जा सकता है। वह अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में सहायक प्रोफेसर के रूप में कार्यरत हैं और साओल हार्ट सेंटर का संचालन करते हुए हजारों लोगों की सेवाएं कर चुके हैं। साओल यानी ‘साइंस एंड आर्ट ऑफ लिविंग’ नामक इस सेंटर की भारत और विदेशों में कई शाखाएं हैं। वह एक जाने-माने लेखक हैं जिन्होंने 70 से अधिक पुस्तकों की रचनाएं और उनका दूसरी भाषाओं में अनुवाद भी किया है।

डॉ. बिमल छाजेड़ कौन हैं?

डॉ. बिमल छाजेड़ (एम.बी.बी.एस., एम.डी.) भारत में नॉन-इन्वेसिव कार्डियोलॉजी के जन्मदाता और साओल हार्ट सेंटर के संस्थापक हैं।

योग से ह्रदय रोग की रोकथाम कैसे होती है?

योग तनाव कम करता है, ब्लड प्रेशर नियंत्रित करता है और रक्त प्रवाह को बेहतर बनाता है, जिससे ह्रदय रोगों की रोकथाम संभव होती है।

डॉ. छाजेड़ ने साओल की स्थापना कब की? और साओल का क्या अर्थ है?

डॉ. बिमल छाजेड़ ने वर्ष 1995 में साओल की स्थापना की। साओल का मतलब है “साइंस एंड आर्ट ऑफ लिविंग”। यह आधुनिक चिकित्सा विज्ञान और स्वस्थ जीवन जीने की कला का संगम है।

साओल हृदय कार्यक्रम क्या है?

यह हृदय रोगों के उपचार का एक नॉन-इन्वेसिव (बिना चीर-फाड़) तरीका है, जिसमें हृदयाघात, बाईपास सर्जरी और एंजियोप्लास्टी को टालने की दिशा में काम किया जाता है।

ह्रदय रोग के लिए कौन-कौन से योगासन फायदेमंद हैं?

ताड़ासन, वज्रासन, भुजंगासन, अर्धमच्छेंद्रासन, और शवासन ह्रदय रोगियों के लिए लाभकारी हैं।

Additional information

Weight 0.350 g
Dimensions 21.59 × 13.97 × 1.9 cm
Author

Dr. Bimal Chajjer

Pages

224

Format

Harcover

Language

Hindi

Publisher

Diamond Books

ISBN10-: 9355993161

SKU 9789355993168 Category Tags ,

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