बच्चों की समुचित परवरिश’ पुस्तक में आचार्य श्री सुदर्शन जी महाराज ने मां को गर्भकाल से ही अपने बच्चे को प्रशिक्षित करने का उचित तरीका बताने का पूर्ण प्रयास किया है। विद्यालय जाने के पूर्व माता-पिता ही बच्चे के लिए शिक्षक-शिक्षिका अर्थात परिवार पहला महत्वपूर्ण विद्यालय होता है। उचित वातावरण एवं उचित प्रारंभिक प्रशिक्षण भाग्य को सही मार्गदर्शन देने में काफी हद तक सफल होता है। यह पुस्तक अभिभावकों को बच्चों की समस्याओं को समझने में पूरी मदद करेगी साथ ही इस पुस्तक के आलोक में अपने बच्चों का लालन-पालन करने से आपके बच्चों का भविष्य उज्ज्वलतम हो सकता है।
आर्चाय सुदर्शनजी महाराज
बच्चों की समुचित परवरिश
₹60.00
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‘बच्चों की समुचित परवरिश’ पुस्तक में आचार्य श्री सुदर्शन जी महाराज ने मां को गर्भकाल से ही अपने बच्चे को प्रशिक्षित करने का उचित तरीका बताने का पूर्ण प्रयास किया है। विद्यालय जाने के पूर्व माता-पिता ही बच्चे के लिए शिक्षक-शिक्षिका अर्थात परिवार पहला महत्वपूर्ण विद्यालय होता है। उचित वातावरण एवं उचित प्रारंभिक प्रशिक्षण भाग्य को सही मार्गदर्शन देने में काफी हद तक सफल होता है। यह पुस्तक अभिभावकों को बच्चों की समस्याओं को समझने में पूरी मदद करेगी साथ ही इस पुस्तक के आलोक में अपने बच्चों का लालन-पालन करने से आपके बच्चों का भविष्य उज्ज्वलतम हो सकता है।
आर्चाय सुदर्शनजी महाराज
Additional information
Author | Sudarshan Ji |
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ISBN | 8128819305 |
Pages | 144 |
Format | Paperback |
Language | Hindi |
Publisher | Diamond Books |
ISBN 10 | 8128819305 |