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गरुण पुराण-0
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Garuda Purana (गरुड़ पुराण)

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A Book Is Forever
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Garuda Purana (गरुड़ पुराण)

पुस्तक के बारे में

महर्षि कश्‍यप के पुत्र पक्षीराज गरुड़ को भगवान विष्‍णु का वाहन कहा गया है एक बार गरुड़ ने भगवान विष्‍णु से मृत्‍यु के बाद प्राणियों की स्थिति, जीव की यमलोक-यात्रा विभिन्‍न कर्मों से प्राप्‍त होने वाले नरकों, योनियों तथा पापियों की दुर्गति से संबंधित अनेक गूढ़ एवं रहस्‍ययुक्‍त प्रश्‍न पूछे। उस समय भगवान् विषणु ने गरुड़ की जिज्ञासा शांत करते हुए उन्‍हें लो ज्ञानमय उपदेश दि︎या था, उसी उपदेश का इस पुराण में विस्‍तृत विवेचन किया गया है। सनातन हिन्‍दू धर्म में मृत्‍यु के बाद गरुड़ पुराण के श्रवण का प्रावधान है। इस पुराण के उत्‍तर खण्‍ड में ‘प्रकल्‍प’ का वर्णन है। इसे सद्गति प्रदान करने वाला कहा गया है। इसके अतिरिक्‍त इस पुराण में श्राद्ध-तर्पण, मुक्ति के उपायों तथा जीवन की गति का विस्‍तृत वर्णन मिलता है।

गरुड़ पुराण का क्या महत्व है?

गरुड़ पुराण हिंदू धर्म के 18 प्रमुख पुराणों में से एक है, जिसमें मृत्यु के बाद की अवस्थाओं, पाप और पुण्य, तथा मोक्ष के बारे में विस्तार से बताया गया है। यह मुख्य रूप से धार्मिक कर्मकांडों और मृत्यु के बाद के संस्कारों का वर्णन करता है।

गरुड़ पुराण का मुख्य विषय क्या है?

गरुड़ पुराण मुख्य रूप से मृत्यु, आत्मा का सफर, कर्म के प्रभाव, पुनर्जन्म, नरक और स्वर्ग, और मोक्ष की प्राप्ति पर आधारित है। इसमें धार्मिक कर्मों के फल और आत्मा की यात्रा का विस्तार से वर्णन किया गया है।

गरुड़ पुराण में मृत्यु के बाद आत्मा की यात्रा को कैसे वर्णित किया गया है?

गरुड़ पुराण के अनुसार, मृत्यु के बाद आत्मा धर्मराज के पास जाती है, जहाँ उसके कर्मों का हिसाब किया जाता है। अच्छे कर्म करने वाली आत्मा को स्वर्ग मिलता है, जबकि बुरे कर्मों के आधार पर आत्मा को नरक में भेजा जाता है।

गरुड़ पुराण के अनुसार मोक्ष प्राप्ति का मार्ग क्या है?

गरुड़ पुराण के अनुसार मोक्ष प्राप्ति का मार्ग धर्म पालन, सच्चाई, अहिंसा, भक्ति, और अपने कर्मों का सही तरीके से निर्वाह करना है। इसमें मृत्यु के बाद की स्थितियों से मुक्ति पाने के लिए मोक्ष प्राप्ति का महत्व बताया गया है।

गरुड़ पुराण में किस देवता की पूजा का महत्व है?

गरुड़ पुराण में भगवान विष्णु और उनके वाहन गरुड़ की महिमा का विशेष रूप से उल्लेख किया गया है। इसमें विष्णु भक्ति और गरुड़ के ज्ञान को प्राप्त करने का मार्ग भी बताया गया है।

क्या गरुड़ पुराण केवल मृत्यु और उसके बाद की अवस्थाओं के बारे में ही है?

नहीं, गरुड़ पुराण में जीवन के नैतिक, धार्मिक और आध्यात्मिक पहलुओं पर भी चर्चा की गई है। इसमें धर्म पालन, पूजा विधि, और सही जीवन जीने के मार्गदर्शन पर भी ध्यान दिया गया है।

Additional information

Weight 160 g
Dimensions 21.6 × 14 × 0.7 cm
Author

Vinay

ISBN

9788128807015

Pages

128

Format

Paperback

Language

Hindi

Publisher

Diamond Books

ISBN 10

8128807013

भारतीय जीवन-धारा में जिन ग्रंथों का महत्वपूर्ण स्थान है उनमें पुराण भक्ति ग्रंथों के रूप में बहुत महत्वपूर्ण माने जाते हैं। पुराण-साहित्य भारतीय जीवन और साहित्य की अक्षुण्ण निधि हैं। इनमें मानव जीवन के उत्थान और अपकर्ष की अनेक गाथाएं मिलती हैं। कर्मकांड से ज्ञान की ओर आते हुए भारतीय मानस चिंतन के बाद भक्ति की अविरल धारा प्रवाहित हुई। विकास की इसी प्रक्रिया में बहुदेववाद और निर्गुण ब्रह्म की स्वतःप्राप्त व्याख्या से धीरे-धीरे भारतीय मानस अवतारवाद तथा भक्ति की ओर प्रेरित हुआ। अठारह पुराणों में अलौकिक देवी देवताओं के केन्द्र में कर्म का पाप और पुण्य, धर्म और अधर्म, कर्म और अकर्म की गाथाएं कही गई हैं।
आज के निरंतर द्वंद्व के युग में पुराणों का पठन मनुष्य को उस द्वंद्व से मुक्ति दिलाने में एक निश्चित दिशा दे सकता है और मानवता के मूल्यों की स्थापना में एक सफल प्रयास सिद्ध हो सकता है। इसी उद्देश्य को सामने रखकर पाठकों की रुचि के अनुसार सरल, सहज भाषा में पुराण साहित्य की श्रृंखला में यह पुस्तक प्रस्तुत है।

ISBN10-8128807013

SKU 9788128807015 Categories , , , Tags ,

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