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नए भारत की खोज” में ओशो ने भारत के भविष्य, उसकी आध्यात्मिकता और सामाजिक मूल्यों पर गहन विचार प्रकट किए हैं। ओशो के अनुसार, भारत का नया भविष्य उसकी पुरानी आध्यात्मिक धरोहर से प्रेरित होगा। यह ग्रंथ भारत को एक नई दृष्टि से देखने की प्रेरणा देता है।
ओशो एक ऐसे आध्यात्मिक गुरू रहे हैं, जिन्होंने ध्यान की अतिमहत्वपूर्ण विधियाँ दी। ओशो के चाहने वाले पूरी दुनिया में फैले हुए हैं। इन्होंने ध्यान की कई विधियों के बारे बताया तथा ध्यान की शक्ति का अहसास करवाया है।
हमें ध्यान क्यों करना चाहिए? ध्यान क्या है और ध्यान को कैसे किया जाता है। इनके बारे में ओशो ने अपने विचारों में विस्तार से बताया है। इनकी कई बार मंच पर निंदा भी हुई लेकिन इनके खुले विचारों से इनको लाखों शिष्य भी मिले। इनके निधन के 30 वर्षों के बाद भी इनका साहित्य लोगों का मार्गदर्शन कर रहा है।
ओशो दुनिया के महान विचारकों में से एक माने जाते हैं। ओशो ने अपने प्रवचनों में नई सोच वाली बाते कही हैं। आचार्य रजनीश यानी ओशो की बातों में गहरा अध्यात्म या धर्म संबंधी का अर्थ तो होता ही हैं। उनकी बातें साधारण होती हैं। वह अपनी बाते आसानी से समझाते हैं मुश्किल अध्यात्म या धर्म संबंधीचिंतन को ओशो ने सरल शब्दों में समझया हैं।
ओशो ने नए भारत को एक आध्यात्मिक और सामाजिक परिवर्तन के रूप में देखा है, जहाँ पुराने और नए मूल्यों का संतुलन होगा। उनका मानना है कि भारत का भविष्य उसकी आध्यात्मिक धरोहर में निहित है।
ओशो ने भारत के सामाजिक ढांचे में बदलाव की आवश्यकता पर जोर दिया है, जिसमें समाज की पुरानी धारणाओं को चुनौती दी जाए और नई सोच को अपनाया जाए।
हाँ, ओशो ने भारत की राजनीति पर भी विचार व्यक्त किए हैं और बताया है कि कैसे आध्यात्मिकता के मार्ग पर चलते हुए राजनीति में सकारात्मक बदलाव लाए जा सकते हैं।
ओशो के अनुसार भारत के पुनर्जागरण के लिए आध्यात्मिक जागरूकता और सामाजिक परिवर्तन दोनों की आवश्यकता है। उन्होंने भारत की पुरानी संस्कृति और सभ्यता को फिर से जागृत करने की बात की है
हाँ, इसमें भारत की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर पर गहन विचार किया गया है और बताया गया है कि कैसे इन धरोहरों को नए भारत के निर्माण में प्रयोग किया जा सकता है।
ओशो ने युवाओं को नए भारत के निर्माण का आधार माना है और उन्हें आध्यात्मिकता और सामाजिक जिम्मेदारी के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया है।
हाँ, ओशो ने आधुनिक भारत की चुनौतियों जैसे कि भ्रष्टाचार, धार्मिक कट्टरता और सामाजिक असमानता का उल्लेख किया है और उनके समाधान के लिए आध्यात्मिकता की आवश्यकता पर जोर दिया है।
Weight | 104 g |
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Dimensions | 19.8 × 12.9 × 0.2 cm |
Author | Osho |
ISBN | 9788171827244 |
Pages | 208 |
Format | Paper Back |
Language | Hindi |
Publisher | Diamond Books |
ISBN 10 | 8171827241 |
आज जो कुछ थोड़े से लोग इस दुनिया को बचा सकते हैंउनमें ओशो हैं। दुर्भाग्य से प्रसार माध्यमों एवं सिरफिरे पढ़े-लिखे लोगों ने उनकी प्रतिमा मलिन करने का प्रयास चलाया है। हम सभी को इसके प्रति सजग होना चाहिए।सभी बुद्धपुरुष अपने समय में उपेक्षित एवं अपमानित रहे हैं। सभी ने उन्हें दुर्लक्षित रखने का प्रयास किया है।ओशो जैसे बहुत कम बुद्धपुरुष ऐसे होते हैं जो अपने समय को प्रभावित कर देते हैं। इसलिए उन्हें प्रस्थापितों का विरोध भी उतना ही होता है
ISBN10-8171827241
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