



पुस्तक के बारे में
**”मनुष्य को जिस बड़ी से बड़ी बीमारी ने पकड़ा है और जिससे कोई छुटकारा होता दिखाई नहीं पड़ता, उस बीमारी का नाम है आदर्श।
- ओशो
चीन की रहस्यमयी ताओ परंपरा के उदात्त लाओत्से के वचनों पर ओशो के इन प्रस्तुत प्रवचनों के मुख्य विषय-बिंदु:**
- जीवन और मृत्यु के पार का सत्य
- समय स्वास्थ्य की खोज
- क्या है हमारा रोग, क्या है स्वास्थ्य की परिभाषा
- नियमों का नियम—प्रेम व स्वतंत्रता”
लेखक के बारे में
ओशो एक ऐसे आध्यात्मिक गुरू रहे हैं, जिन्होंने ध्यान की अतिमहत्वपूर्ण विधियाँ दी। ओशो के चाहने वाले पूरी दुनिया में फैले हुए हैं। इन्होंने ध्यान की कई विधियों के बारे बताया तथा ध्यान की शक्ति का अहसास करवाया है।हमें ध्यान क्यों करना चाहिए? ध्यान क्या है और ध्यान को कैसे किया जाता है। इनके बारे में ओशो ने अपने विचारों में विस्तार से बताया है। इनकी कई बार मंच पर निंदा भी हुई लेकिन इनके खुले विचारों से इनको लाखों शिष्य भी मिले। इनके निधन के 30 वर्षों के बाद भी इनका साहित्य लोगों का मार्गदर्शन कर रहा है। ओशो दुनिया के महान विचारकों में से एक माने जाते हैं। ओशो ने अपने प्रवचनों में नई सोच वाली बाते कही हैं। आचार्य रजनीश यानी ओशो की बातों में गहरा अध्यात्म या धर्म संबंधी का अर्थ तो होता ही हैं। उनकी बातें साधारण होती हैं। वह अपनी बाते आसानी से समझाते हैं मुश्किल अध्यात्म या धर्म संबंधीचिंतन को ओशो ने सरल शब्दों में समझया हैं।
उपनिषद में कितने सिद्धांत हैं?
उपनिषदों में चार प्रमुख सिद्धांत हैं। ब्रह्म को सर्वोच्च सत्य और आत्मा को उसका अंश बताया गया है। माया को सृष्टि का भ्रम माना गया है, और मोक्ष को जीवन का अंतिम लक्ष्य, जिसमें आत्मा जन्म-मरण के चक्र से मुक्त हो जाती है।
हिंदू धर्म में कितने उपनिषद हैं?
हिंदू धर्म में कुल 108 उपनिषद हैं, लेकिन उनमें से 10 उपनिषद को मुख्य और महत्वपूर्ण माना जाता है। इन 10 उपनिषदों को दश उपनिषद कहा जाता है, जिनमें ईश, केन, कठ, आयत, तैत्तिरीय, छांदोग्य, मुण्डक, मंडूक्य, प्रतारण्य, और बृहदारण्यक उपनिषद शामिल हैं। ये उपनिषद वेदों के अंतिम भाग माने जाते हैं और भारतीय दर्शन के गहरे आध्यात्मिक सिद्धांतों को समझाने में मदद करते हैं।
सबसे पुराना उपनिषद कौन सा है?
सबसे पुराना उपनिषद बृहदारण्यक उपनिषद माना जाता है। यह उपनिषद यजुर्वेद का हिस्सा है और वेदों के अंतिम भागों में आता है। इसे लगभग 700-800 ईसा पूर्व का माना जाता है। बृहदारण्यक उपनिषद में ब्रह्म, आत्मा, और संसार के गहरे दार्शनिक सिद्धांतों का विस्तृत वर्णन किया गया है।
दुनिया का सबसे पवित्र ग्रंथ कौन सा है?
दुनिया का सबसे पवित्र ग्रंथ भगवद गीता माना जाता है। यह हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है, जो महाभारत के भीष्म पर्व का हिस्सा है। भगवद गीता में भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को जीवन, धर्म, कर्म और योग के बारे में उपदेश दिए थे। इसे न केवल हिंदू धर्म में बल्कि विश्वभर में गहरे दार्शनिक और आध्यात्मिक संदेश देने वाला ग्रंथ माना जाता है।
वेदों और उपनिषदों में क्या अंतर है?
वेदों और उपनिषदों में मुख्य अंतर यह है कि वेद पूजा और कर्मकांडों पर केंद्रित हैं, जबकि उपनिषद तात्त्विक और आत्मिक ज्ञान की ओर संकेत करते हैं। वेदों में पूजा, यज्ञ और मंत्रों का वर्णन किया गया है, जबकि उपनिषदों में ब्रह्म, आत्मा और मोक्ष के सिद्धांतों पर गहन चर्चा की गई है। उपनिषद वेदों के अंतिम भाग होते हैं और इनका उद्देश्य वेदों के गूढ़ रहस्यों को समझाना है। इसलिए वेद और उपनिषद एक-दूसरे को पूरक रूप में मानते हैं।