पुस्तक के बारे में
राम नाम रस पीजै (मीरा वाणी)” ओशो द्वारा मीरा की भक्ति वाणी पर दिए गए गहरे प्रवचनों का संकलन है। इस पुस्तक में ओशो ने मीरा की गहन भक्ति को उजागर करते हुए राम नाम के आध्यात्मिक रस को पीने का महत्व समझाया है। मीरा की वाणी और भक्ति को आधार बनाकर ओशो ने इस पुस्तक में आत्मसमर्पण, प्रेम और ईश्वर के प्रति अटूट विश्वास के विषयों को गहराई से बताया है। यह पुस्तक उन लोगों के लिए है जो भक्ति के मार्ग पर चलने की इच्छा रखते हैं और राम नाम के रस में डूबना चाहते हैं
लेखक के बारे में
ओशो एक ऐसे आध्यात्मिक गुरू रहे हैं, जिन्होंने ध्यान की अतिमहत्वपूर्ण विधियाँ दी। ओशो के चाहने वाले पूरी दुनिया में फैले हुए हैं। इन्होंने ध्यान की कई विधियों के बारे बताया तथा ध्यान की शक्ति का अहसास करवाया है।
हमें ध्यान क्यों करना चाहिए? ध्यान क्या है और ध्यान को कैसे किया जाता है। इनके बारे में ओशो ने अपने विचारों में विस्तार से बताया है। इनकी कई बार मंच पर निंदा भी हुई लेकिन इनके खुले विचारों से इनको लाखों शिष्य भी मिले। इनके निधन के 30 वर्षों के बाद भी इनका साहित्य लोगों का मार्गदर्शन कर रहा है।
ओशो दुनिया के महान विचारकों में से एक माने जाते हैं। ओशो ने अपने प्रवचनों में नई सोच वाली बाते कही हैं। आचार्य रजनीश यानी ओशो की बातों में गहरा अध्यात्म या धर्म संबंधी का अर्थ तो होता ही हैं। उनकी बातें साधारण होती हैं। वह अपनी बाते आसानी से समझाते हैं मुश्किल अध्यात्म या धर्म संबंधीचिंतन को ओशो ने सरल शब्दों में समझया हैं।
राम नाम रस पीजै पुस्तक किस पर आधारित है?
राम नाम रस पीजै” पुस्तक मीरा वाणी पर आधारित है, जहां ओशो ने राम नाम के रस और मीरा की भक्ति का महत्व गहराई से समझाया है।
राम नाम के ‘रस’ से क्या तात्पर्य है?
राम नाम का रस आध्यात्मिक आनंद और भक्ति का प्रतीक है, जिसे व्यक्ति राम नाम के सच्चे अनुभव और आत्मसमर्पण से प्राप्त कर सकता है।
मीरा वाणी का क्या महत्व है?
मीरा वाणी भक्ति और प्रेम का अनमोल संगम है, जिसमें व्यक्ति राम नाम के माध्यम से आत्मिक आनंद प्राप्त कर सकता है
मीरा की भक्ति से हमें क्या सिखने को मिलता है?
मीरा की भक्ति हमें आत्मसमर्पण, प्रेम और विश्वास के गुण सिखाती है, जो हमें भक्ति के सच्चे मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करती है।
ओशो ने मीरा वाणी को किस प्रकार समझाया है?
ओशो ने मीरा वाणी को सरल और गहन भाषा में व्याख्यायित किया है, जिससे व्यक्ति राम नाम के रस को गहराई से समझ सके और आत्मिक शांति प्राप्त कर सके।