“पुस्तक के बारे में”
ओशो के प्रखर विचारों ने, ओजस्वी वाणी ने मनुष्यता के दुश्मनों पर, संप्रदायों पर, मठाधीशों पर, अंधे राजनेताओं पर, जोरदार प्रहार किया। लेकिन पत्र-पत्रिकाओं ने छापीं या तो ओशो पर चटपटी मनगढंत खबरें या उनकी निंदा की, भ्रम के बादल फैलाए। ये भ्रम के बादल आड़े आ गये ओशो और लोगों के। जैसे सूरज के आगे बादल आ जाते हैं। इससे देर हुई। इससे देर हो रही है मनुष्य के सौभाग्य को मनुष्य तक पहुंचने में।
“लेखक के बारे में”
ओशो एक ऐसे आध्यात्मिक गुरू रहे हैं, जिन्होंने ध्यान की अतिमहत्वपूर्ण विधियाँ दी। ओशो के चाहने वाले पूरी दुनिया में फैले हुए हैं। इन्होंने ध्यान की कई विधियों के बारे बताया तथा ध्यान की शक्ति का अहसास करवाया है।
हमें ध्यान क्यों करना चाहिए? ध्यान क्या है और ध्यान को कैसे किया जाता है। इनके बारे में ओशो ने अपने विचारों में विस्तार से बताया है। इनकी कई बार मंच पर निंदा भी हुई लेकिन इनके खुले विचारों से इनको लाखों शिष्य भी मिले। इनके निधन के 30 वर्षों के बाद भी इनका साहित्य लोगों का मार्गदर्शन कर रहा है।
ओशो दुनिया के महान विचारकों में से एक माने जाते हैं। ओशो ने अपने प्रवचनों में नई सोच वाली बाते कही हैं। आचार्य रजनीश यानी ओशो की बातों में गहरा अध्यात्म या धर्म संबंधी का अर्थ तो होता ही हैं। उनकी बातें साधारण होती हैं। वह अपनी बाते आसानी से समझाते हैं मुश्किल अध्यात्म या धर्म संबंधीचिंतन को ओशो ने सरल शब्दों में समझया हैं।
क्या “भारत के जलते प्रश्न” में राजनीतिक और आर्थिक मुद्दों पर चर्चा की है?
हां, पुस्तक में भारत के राजनीतिक और आर्थिक मुद्दों का विश्लेषण करते हुए उनके संभावित समाधान पर भी विचार किया गया है।
क्या “भारत के जलते प्रश्न” पुस्तक में दिए गए सुझाव भारत के भविष्य के लिए प्रासंगिक हैं?
हां, पुस्तक में दिए गए सुझाव और विचार भविष्य में भारत के विकास और समस्याओं के समाधान के लिए प्रासंगिक हो सकते हैं।
क्या “भारत के जलते प्रश्न” में राजनीतिक और आर्थिक मुद्दों पर भी चर्चा की गई है?
हां, पुस्तक में भारत के राजनीतिक और आर्थिक मुद्दों का विश्लेषण करते हुए उनके संभावित समाधान पर भी विचार किया गया है।
“भारत के जलते प्रश्न” में भारत के पर्यावरणीय “मुद्दे” क्या है?
“भारत के जलते प्रश्न” में भारत के पर्यावरणीय मुद्दों का संदर्भ जलवायु परिवर्तन, वायु और जल प्रदूषण, वन कटाई, जैव विविधता की कमी, और प्राकृतिक संसाधनों के अत्यधिक दोहन से है। पुस्तक में इन समस्याओं का विश्लेषण करते हुए इनके कारणों और उनके प्रभावों पर चर्चा की गई है, साथ ही संभावित समाधान भी प्रस्तुत किए गए हैं ताकि भारत एक स्वच्छ और हरित भविष्य की ओर बढ़ सके।
“भारत के जलते प्रश्न” में भारत की शिक्षा प्रणाली पर क्या विचार व्यक्त किए गए हैं?
इस पुस्तक में भारत की शिक्षा प्रणाली के सुधार की आवश्यकता पर जोर दिया गया है। लेखक ने शिक्षा के क्षेत्र में सुधारों, गुणवत्ता की कमी, और बेरोज़गारी से जुड़े मुद्दों पर विचार किए हैं।