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मजाज और जिगर की शायरी

40.00

मजाज और जिगर की शायरी

Additional information

Author

Amar Dehlavi

ISBN

8128806394

Pages

160

Format

Paperback

Language

Hindi

Publisher

Diamond Books

ISBN 10

8128806394

‘मजाज’ लखनवी एक हस्‍सास और आल-जर्फ इंसान और हकीकत निगार शायर थे। इसीलिए देश में बढ़ती हुई ‘मिडिल क्‍लास’ की बेरोजगारी का खौफनाक भूत, गिरते हुए समाजी स्‍तर और बदलते हुए इंसानी मिजाज से वे बेहद प्रभावित हुए थे और उस हैबतनाक समाज के खिलाफ आवाज उठाते रहे।
‘जिगर’ मुरादाबादी उन उर्दू कवियों में से थे जो नई गजल का आबरू हैं, उन्‍होंने गजल को नए जमाने के तकाजों से परिचित किया है और उसे फिर से प्रसिद्धि दिलावाई। उनकी शायरी में केवल भावों की झलक मिलती है जिनहोंने शायर को बेचैन कर रखा था। प्रस्‍तुत पुस्‍तक में इन दोनों शायरों की कुछ चुनिंदा शायरी को संकलित किया गया है। ISBN10-8128806394

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