जफर और दाह की शायरी
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- Book Details
डायमंड पॉकेट बुक्स ने बहादुरशाह जफर तथा मिर्जा खां ‘दाग’की कुछ चुनिंदा शायरी लंबे पॉकेट बुक्स के रूप में प्रकाशित किया है। सिराजुद्दीन बहादुर शाह ‘जफर’ भारत के अंतिम ताजदार थे। शेर-ओ-शायरी से ‘जफर’के गम में अनोखापन है। उनका नाम केवल अपना गम है। उर्दू में ‘जफर’ का विशिष्ट स्थान है। इसके दो कारण हैं एक तो यह कि ‘जफर’ स्वयं एक अच्छे शायर थे और अपने जमाने के माने हुए माहिर-ए-जबान थे, दूसरे यह बड़े-बड़े नाम वाले शायर ओर साहित्यकार उनके दरबार से संबंधित थे।
Additional information
Author | Amar Dehlavi |
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ISBN | 8128806408 |
Pages | 224 |
Format | Paperback |
Language | Hindi |
Publisher | Diamond Books |
ISBN 10 | 8128806408 |
डायमंड पॉकेट बुक्स ने बहादुरशाह जफर तथा मिर्जा खां ‘दाग’की कुछ चुनिंदा शायरी लंबे पॉकेट बुक्स के रूप में प्रकाशित किया है। सिराजुद्दीन बहादुर शाह ‘जफर’ भारत के अंतिम ताजदार थे। शेर-ओ-शायरी से ‘जफर’के गम में अनोखापन है। उनका नाम केवल अपना गम है। उर्दू में ‘जफर’ का विशिष्ट स्थान है। इसके दो कारण हैं एक तो यह कि ‘जफर’ स्वयं एक अच्छे शायर थे और अपने जमाने के माने हुए माहिर-ए-जबान थे, दूसरे यह बड़े-बड़े नाम वाले शायर ओर साहित्यकार उनके दरबार से संबंधित थे।
ISBN10-8128806408