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जनसंख्‍या विस्‍फोट-Jansakhya Visphot by osho

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समाज जितना समृद्ध होता है, वह उतना ही कम बच्‍चे पैदा करता है। लेकिन दीन-दुखी-दरिद्र लोग जीवन में किसी अन्‍य मनोरंजन और सुख की सुविधा न होने से सिर्फ सेक्‍स में ही सुख ढूढ़ लेते हैं, उनके पास और कोई उपाय नहीं रहता। समृद्ध व्‍यक्ति अगर संगीत सुनता है, साहित्‍य पढ़ता है, चित्र देखता है, घूमने जाता है, पहाड़ की यात्रा भी करता है, तब उसकी शक्ति बहुत दिशाओं में बह जाती है। एक गरीब आदमी के पास शक्ति बहाने का और कोई उपाय नहीं रहता अर्थात् उसके मनोरंजन खर्चीले है, सिर्फ सेक्‍स ही ऐसा मनोरंजन है जो घर में बीबीके साथ मुफ्त उपलब्‍ध है इसलिए गरीब आदमी बच्‍चे पैदा करते चला जाता है। इस प्रकार ओशो ने इस पुस्‍तकमें जनसंख्‍या विस्‍फोट के मूल कारणों पर प्रकाश डाला है।

ISBN10-8128809687

जनसंख्‍या विस्‍फोट-Jansakhya Visphot by osho
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जनसंख्‍या विस्‍फोट-Jansakhya Visphot By Osho

जनसंख्‍या विस्‍फोट” एक विचारशील पुस्तक है जिसमें ओशो ने जनसंख्या वृद्धि के मुद्दे पर गहराई से विचार किया है। उन्होंने बताया है कि कैसे बढ़ती जनसंख्या हमारे समाज, पर्यावरण और व्यक्तिगत जीवन को प्रभावित कर रही है। ओशो का यह लेखन केवल जनसंख्या वृद्धि के आंकड़ों का विश्लेषण नहीं है, बल्कि यह मानवता के अस्तित्व और जीवन के अर्थ पर भी प्रकाश डालता है। पुस्तक पाठकों को आत्मिक विकास के लिए प्रेरित करती है और एक नई सोच को जन्म देती है।

About the Author

ओशो एक ऐसे आध्यात्मिक गुरू रहे हैं, जिन्होंने ध्यान की अतिमहत्वपूर्ण विधियाँ दी। ओशो के चाहने वाले पूरी दुनिया में फैले हुए हैं। इन्होंने ध्यान की कई विधियों के बारे बताया तथा ध्यान की शक्ति का अहसास करवाया है।
हमें ध्यान क्यों करना चाहिए? ध्यान क्या है और ध्यान को कैसे किया जाता है। इनके बारे में ओशो ने अपने विचारों में विस्तार से बताया है। इनकी कई बार मंच पर निंदा भी हुई लेकिन इनके खुले विचारों से इनको लाखों शिष्य भी मिले। इनके निधन के 30 वर्षों के बाद भी इनका साहित्य लोगों का मार्गदर्शन कर रहा है।
ओशो दुनिया के महान विचारकों में से एक माने जाते हैं। ओशो ने अपने प्रवचनों में नई सोच वाली बाते कही हैं। आचार्य रजनीश यानी ओशो की बातों में गहरा अध्यात्म या धर्म संबंधी का अर्थ तो होता ही हैं। उनकी बातें साधारण होती हैं। वह अपनी बाते आसानी से समझाते हैं मुश्किल अध्यात्म या धर्म संबंधीचिंतन को ओशो ने सरल शब्दों में समझया हैं।

जनसंख्या विस्फोट का अर्थ क्या है?

जनसंख्या विस्फोट का अर्थ-यह किसी क्षेत्र में मनुष्यों की जनसंख्या में तेज़ी से होने वाली वृद्धि को दर्शाता है। इसके अलावा, यह ऐसी स्थिति है जहाँ अर्थव्यवस्था अपनी आबादी की बढ़ती माँग को पूरा करने में सक्षम नहीं है।

जनसंख्‍या विस्‍फोट” पुस्तक का मुख्य विषय क्या है?

यह पुस्तक जनसंख्या वृद्धि और इसके समाज पर पड़ने वाले प्रभावों का विश्लेषण करती है।

क्या ओशो ने इस पुस्तक में जनसंख्या के परिणामों पर चर्चा की है?

हां, ओशो ने जनसंख्या विस्फोट के सामाजिक, आर्थिक, और पर्यावरणीय परिणामों को स्पष्ट रूप से बताया है। वह बताते हैं कि यह वृद्धि मानवता और धरती पर बोझ कैसे बन सकती है। इसके साथ ही, यह विषय जागरूकता फैलाने का भी एक माध्यम है।

इस पुस्तक में ओशो की लेखन शैली कैसी है?

ओशो की लेखन शैली सरल, स्पष्ट और विचारशील है, जो पाठकों को आसानी से प्रभावित करती है। उनके विचार एक गहरे अनुभव और आत्मज्ञान से भरे हुए हैं। यह शैली पाठकों को विचारों में खो जाने की अनुमति देती है।

क्या इस पुस्तक में ओशो के अन्य विचारों का समावेश है?

हां, पुस्तक में ओशो के अन्य विचारों का उल्लेख किया गया है, जो उनके व्यापक ज्ञान को दर्शाते हैं। यह पाठकों को उनके गहन विचारों से परिचित कराता है। ओशो के दर्शन और शिक्षाएं एक अद्वितीय अनुभव प्रदान करती हैं।


5 जनसंख्या विस्फोट के कौन से कारण हैं?

जनसंख्या विस्फोट के कई कारण हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख हैं:

स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार: चिकित्सा सुविधाओं में प्रगति, जैसे टीकाकरण, रोग नियंत्रण और स्वास्थ्य देखभाल सेवाएं, ने मृत्यु दर को कम किया है। इससे जनसंख्या तेजी से बढ़ने लगी है, क्योंकि अधिक लोग दीर्घकालिक जीवन जीने लगे हैं।

अर्थव्यवस्था में वृद्धि: विकासशील देशों में आर्थिक सुधार ने लोगों की जीवनशैली में सुधार किया है, जिससे उच्च जन्म दर होती है। आर्थिक विकास के साथ, अधिक परिवार संतानोत्पत्ति को प्रोत्साहित करते हैं, मानते हैं कि बच्चों का भविष्य में आर्थिक लाभ होगा।

शिक्षा का अभाव: विशेषकर महिलाओं में शिक्षा की कमी जनसंख्या वृद्धि का एक बड़ा कारक है। शिक्षित महिलाओं में सामान्यतः कम बच्चे होते हैं, जबकि शिक्षित न होने पर वे अधिक बच्चे पैदा करने का निर्णय लेती हैं।

संस्कृति और परंपराएं: कुछ समाजों में बड़े परिवारों की संस्कृति और परंपरा होती है। धार्मिक या सांस्कृतिक मान्यताएं भी अधिक संतानों के लिए प्रेरित कर सकती हैं, जिससे जनसंख्या बढ़ने में मदद मिलती है।

प्रवासी प्रवृत्तियाँ: युद्ध, प्राकृतिक आपदाएँ और आर्थिक अवसरों की खोज में लोग एक स्थान से दूसरे स्थान पर स्थानांतरित होते हैं, जिससे जनसंख्या घनत्व में वृद्धि होती है। इससे भी जनसंख्या विस्फोट की स्थिति बनती है।

Additional information

Weight 120 g
Dimensions 21.6 × 14 × 0.58 cm
Author

Osho

ISBN

8128809687

Pages

200

Format

Paperback

Language

Hindi

Publisher

Diamond Books

ISBN 10

8128809687