Boond Hi Sagar
बूंद ही सागर
₹30.00
In stock
ज्ञान रूपी मोतियों को आप ही ने संभालना है। अगर सींपी की तरह संभाल लोगे, तो मोती रोज बढ़ते-फलते जाएंगे। यह ज्ञान कम होने की चीज नहीं है। यह तो बढ़ता ही जाता है। परमात्मा रहमत करें, बुदि्ध में हमारी इतनी शक्ति और ताकत दें कि उसकी बात कहने की सुनने की शक्ति हमें मिलें।
Additional information
Author | Anandmurti Guru Maa |
---|---|
ISBN | 8128815113 |
Pages | 106 |
Format | Hardcover |
Language | Hindi |
Publisher | Diamond Books |
ISBN 10 | 8128815113 |