श्वसन संस्थान के रोग कारण और निवारण
श्वसन संस्थान के रोग कारण और निवारण
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शरीर को वायु मिलनी बंद हो जाए तो जीवन की गति ही थम जाए। वायु का सम्बन्ध सांस से है और सांस का श्वसन संस्थान से सीधा संबंध है।
हमारी सांस के द्वारा बहुत से कीटाणु फेफड़ों में जाते रहते हैं। यदि शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी आ जाए तो फौरन ही कीटाणुओं के प्रभाव से शरीर रोग ग्रस्त हो जाता है। फेफड़ों का संक्रमण खांसी से लेकर तपेदिक तक कुछ भी हो सकता है।
प्रस्तुत पुस्तक में श्वसन संस्थान के रोगों को शामिल किया गया है साथ ही सांस लेने का सही तरीका व प्राणायाम के बारे में भी विस्तार से बताया गया है। इस पुस्तक से पाठकगण लाभान्वित होंगे।
Additional information
Author | Rajeev Sharma |
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ISBN | 8171822142 |
Pages | 128 |
Format | Paperback |
Language | Hindi |
Publisher | Diamond Books |
ISBN 10 | 8171822142 |