Sale!

गबन-(Gaban) by Munshi Premchand

Original price was: ₹200.00.Current price is: ₹199.00.

-1%

Free shipping On all orders above Rs 600/-

  • We are available 10/5
  • Need help? contact us, Call us on: +91-9716244500
Guaranteed Safe Checkout

प्रेमचंद का सर्वोत्तम उपन्यास

ग़बन

मुंशी प्रेमचंद वर्ग विशेष के नहीं, जन-सामान्य के लेखक थे। सामाजिक समस्याओं को उजागर करना उनके औपन्यासिक लेखन का मुख्य ध्येय रहा। गबन का मूल विषय है महिलाओं का पति के जीवन पर प्रभाव।

‘ग़बन’ की नायिका, जालपा, एक चन्द्रहार पाने के लिए लालायित है। उसका पति कम वेतन पाने वाला क्लर्क है तथापि वह अपनी पत्नी के सामने बहुत अमीर होने का अभिनय करता है। अपनी पत्नी को संतुष्ट करने के लिए वह अपने दफ्तर से गबन करता है और भागकर कलकत्ता चला जाता है जहाँ एक कुंडू और उसकी पत्नी उसे शरण देते हैं। डकैती के एक जाल मामले में पुलिस उसे फंसाकर मुवक्किल की भूमिका में प्रस्तुत करती है।

उसकी पत्नी परितोष से भरी कलकत्ता आती है और उसे जाल से निकालने में सहायक होती है। इसी बीच पुलिस की तानाशाही के विरुद्ध एक बड़ी जन-जागृति शुरू होती है। इस उपन्यास में विराट जन-आन्दोलनों के स्पर्श का अनुभव पाठक को होता है। लघु घटनाओं से आंशिक होकर राष्ट्रीय जीवन में बड़े-बड़े तूफान उठ खड़े होते हैं। एक क्षुद्र वृत्ति की लोभी स्त्री से राष्ट्र-नायिका में जालपा की परिणति प्रेमचंद की कलम की कलात्मकता की पराकाष्ठा है।

ISBN10-8171822509

गबन-0
गबन-(Gaban) by Munshi Premchand
200.00 Original price was: ₹200.00.199.00Current price is: ₹199.00.

  •  

गबन मुंशी प्रेमचंद का एक क्लासिक हिंदी उपन्यास है, जो समाज में व्याप्त नैतिकता, लालच, और इसके नकारात्मक प्रभावों पर आधारित है। इस उपन्यास का मुख्य पात्र रमानाथ है, जो अपनी पत्नी जालपा की इच्छाओं को पूरा करने के लिए भ्रष्टाचार और गबन के रास्ते पर चल पड़ता है।

कहानी के केंद्र में लालच और नैतिकता का द्वंद्व है, जिसमें रमानाथ अपने नैतिक मूल्यों और अपने कर्तव्यों के बीच फँसता चला जाता है। गबन प्रेमचंद की गहरी सामाजिक और आर्थिक अंतर्दृष्टि का प्रतीक है, जो आज भी प्रासंगिक है।

Gaban (गबन
गबन-(Gaban) By Munshi Premchand
Gaban (गबन
गबन-(Gaban) By Munshi Premchand
Gaban (गबन
गबन-(Gaban) By Munshi Premchand

About the Author

धनपत राय श्रीवास्तव (31 जुलाई 1880 – 8 अक्टूबर 1936) जो प्रेमचंद नाम से जाने जाते हैं, वो हिन्दी और उर्दू के सर्वाधिक लोकप्रिय उपन्यासकार, कहानीकार एवं विचारक थे। उन्होंने सेवासदन, प्रेमाश्रम, रंगभूमि, निर्मला, गबन, कर्मभूमि, गोदान आदि लगभग डेढ़ दर्जन उपन्यास तथा कफन, पूस की रात, पंच परमेश्वर, बड़े घर की बेटी, बूढ़ी काकी, दो बैलों की कथा आदि तीन सौ से अधिक कहानियाँ लिखीं। उनमें से अधिकांश हिन्दी तथा उर्दू दोनों भाषाओं में प्रकाशित हुईं। उन्होंने अपने दौर की सभी प्रमुख उर्दू और हिन्दी पत्रिकाओं जमाना, सरस्वती, माधुरी, मर्यादा, चाँद, सुधा आदि में लिखा। उन्होंने हिन्दी समाचार पत्र जागरण तथा साहित्यिक पत्रिका हंस का संपादन और प्रकाशन भी किया। इसके लिए उन्होंने सरस्वती प्रेस खरीदा जो बाद में घाटे में रहा और बन्द करना पड़ा। प्रेमचंद फिल्मों की पटकथा लिखने मुंबई आए और लगभग तीन वर्ष तक रहे। जीवन के अंतिम दिनों तक वे साहित्य सृजन में लगे रहे। महाजनी सभ्यता उनका अंतिम निबन्ध, साहित्य का उद्देश्य अन्तिम व्याख्यान, कफन अन्तिम कहानी, गोदान अन्तिम पूर्ण उपन्यास तथा मंगलसूत्र अन्तिम अपूर्ण उपन्यास माना जाता है।

गबन क्या है?

गबन मुंशी प्रेमचंद द्वारा लिखी गई एक यथार्थवादी हिंदी उपन्यास है, जो एक व्यक्ति के नैतिक संघर्ष और लालच के प्रभावों पर आधारित है।

इस उपन्यास की प्रमुख विशेषताएँ क्या हैं?

इस उपन्यास की प्रमुख विशेषताएँ नैतिकता, लालच, और समाज में व्याप्त आर्थिक असमानताओं के बीच व्यक्तित्व का संघर्ष हैं। यह प्रेमचंद के गहरे सामाजिक दृष्टिकोण को प्रस्तुत करता है।

यह पुस्तक किसके लिए उपयुक्त है?

यह पुस्तक उन लोगों के लिए है जो सामाजिक और आर्थिक मुद्दों को गहराई से समझना चाहते हैं। यह साहित्य प्रेमियों और सामाजिक न्याय में रुचि रखने वाले पाठकों के लिए एक महत्वपूर्ण कृति है।

क्या यह उपन्यास केवल साहित्य प्रेमियों के लिए है?

नहीं, गबन हर उस पाठक के लिए है जो नैतिकता, लालच, और समाज के भीतर व्यक्तित्व के संघर्ष की गहरी समझ प्राप्त करना चाहता है।

इस उपन्यास के प्रमुख पात्र कौन हैं?

उपन्यास के मुख्य पात्र रमानाथ और उसकी पत्नी जालपा हैं। कहानी उनके जीवन, इच्छाओं, और नैतिक संघर्ष के इर्द-गिर्द घूमती है।

Additional information

Weight 0.2 g
Dimensions 19.8 × 12.9 × 1.6 cm
Author

Prem Chand

ISBN

8171822509

Pages

112

Format

Paperback

Language

Hindi

Publisher

Diamond Books

ISBN 10

8171822509