Product Description
“श्वास भी शांत हो रही है, शांत हो रही है, शांत हो रही है। छोड़ दें श्वास को भी बिल्कुल ढीला। मन भी शांत हो गया है, छोड़ दें मन को भी, डूब जायें इस रात में। मन शांत हो रहा है, मन शांत, शांत हो गया। दस मिनट सुनिये बैठे हुए उस सागर के गर्जन को, सुनते रहें हवाओं के झोंकों को। प्रभु तो निकट है। क्योंकि सब कुछ वही है। उसकी पगडंडियां भी साफ़ हैं। लेकिन उन पर चलने वाले कहां हैं?”
About The Author
ओशो एक ऐसे आध्यात्मिक गुरू रहे हैं, जिन्होंने ध्यान की अतिमहत्वपूर्ण विधियाँ दी। ओशो के चाहने वाले पूरी दुनिया में फैले हुए हैं। इन्होंने ध्यान की कई विधियों के बारे बताया तथा ध्यान की शक्ति का अहसास करवाया है।
हमें ध्यान क्यों करना चाहिए? ध्यान क्या है और ध्यान को कैसे किया जाता है। इनके बारे में ओशो ने अपने विचारों में विस्तार से बताया है। इनकी कई बार मंच पर निंदा भी हुई लेकिन इनके खुले विचारों से इनको लाखों शिष्य भी मिले। इनके निधन के 30 वर्षों के बाद भी इनका साहित्य लोगों का मार्गदर्शन कर रहा है।
ओशो दुनिया के महान विचारकों में से एक माने जाते हैं। ओशो ने अपने प्रवचनों में नई सोच वाली बाते कही हैं। आचार्य रजनीश यानी ओशो की बातों में गहरा अध्यात्म या धर्म संबंधी का अर्थ तो होता ही हैं। उनकी बातें साधारण होती हैं। वह अपनी बाते आसानी से समझाते हैं मुश्किल अध्यात्म या धर्म संबंधीचिंतन को ओशो ने सरल शब्दों में समझया हैं।
क्या “प्रभु की पगडंडियां” पुस्तक में ध्यान और साधना का महत्व बताया गया है?
हां, “प्रभु की पगडंडियां” में ध्यान और साधना को आत्मिक उन्नति के लिए महत्वपूर्ण बताया गया है। पुस्तक में बताया गया है कि ध्यान के माध्यम से हम अपने भीतर की शांति और प्रभु की अनुभूति कर सकते हैं।
“प्रभु की पगडंडियां” पुस्तक किस प्रकार के पाठकों के लिए उपयुक्त है?
“प्रभु की पगडंडियां” पुस्तक उन पाठकों के लिए उपयुक्त है जो आध्यात्मिकता, धर्म और ध्यान में रुचि रखते हैं और अपने जीवन में आंतरिक शांति और ईश्वर की खोज कर रहे हैं।
क्या “प्रभु की पगडंडियां” पुस्तक में कोई व्यक्तिगत अनुभव साझा किया गया है?
हां, “प्रभु की पगडंडियां” में लेखक ने अपने व्यक्तिगत अनुभव और अध्यात्म की यात्रा को साझा किया है, जो पाठकों के लिए मार्गदर्शन और प्रेरणा का स्रोत बनता है।
“प्रभु की पगडंडियां” पुस्तक किस प्रकार से आत्मिक शांति प्राप्त करने में सहायक है?
“प्रभु की पगडंडियां” पुस्तक में ध्यान, साधना, और ईश्वर की प्राप्ति के विभिन्न मार्गों का वर्णन किया गया है, जो आत्मिक शांति और संतुलन प्राप्त करने में सहायक होते हैं।
क्या “प्रभु की पगडंडियां” में धार्मिक परंपराओं का भी उल्लेख है?
हां, “प्रभु की पगडंडियां” में विभिन्न धार्मिक परंपराओं और उनके महत्व का भी उल्लेख किया गया है, जिसमें धर्म का मर्म और ईश्वर के प्रति समर्पण का विचार शामिल है।
“प्रभु की पगडंडियां” पुस्तक का उद्देश्य क्या है?
“प्रभु की पगडंडियां” का उद्देश्य आत्मिक उन्नति, प्रभु की खोज, और जीवन के रहस्यों को समझाने के लिए एक मार्गदर्शक बनना है, जिससे व्यक्ति आध्यात्मिक रूप से समृद्ध हो सके।