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Kranti Sutra by Osho-क्रांति सूत्र

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Kranti Sutra ( क्रांति सूत्र )
Kranti Sutra By Osho-क्रांति सूत्र
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Kranti Sutra By Osho-क्रांति सूत्र
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Kranti Sutra By Osho-क्रांति सूत्र
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Kranti Sutra By Osho-क्रांति सूत्र

उत्पाद विवरण

‘क्‍या मनुष्‍य एक यंत्र है?’ इसमें ओशो कहते हैं-
‘मैं मनुष्‍य को लड़ता में डूबा हुआ देखता हूं। उसका जीवन बिलकुल यांत्रिक बन गया है। हम जो भी कर रहे हैं, वह कर नहीं रहे हैं, हमसे हो रहा है। हमारे कर्म सचेतन और सजग नहीं हैं। वे कर्म न होकर केवल प्रतिक्रियाएं हैं। यह मंजिल जीवन मृत्‍यु-तुल्‍य है। जड़ता और यांत्रिकता से ऊपर उठने से ही वास्‍तविक जीवन प्रारंभ होता है।’
उस समय ओशों के इन शब्‍दों को पढ़ते ही लेखक के जीवन में एक झंझावत की शुरुआत हुई थी। यह सबसे पहला क्रांति-सूत्र था, जो ओशो तक पहुंचने के लिए एक महासूत्र बन गया था। अगर आपने अभी तक ओशों की और कोई पुस्‍तक नहीं पढ़ी है और यह पहली पुस्‍तक आपके हाथ लगी है, तो अपनी अनुभूति के आधार पर सावधान रहे क्‍योंकि यह आपके जीवन में महाक्रांति की एक चिनगारी सिद्ध होगी।

लेखक के बारे में

ओशो एक ऐसे आध्यात्मिक गुरू रहे हैं, जिन्होंने ध्यान की अतिमहत्वपूर्ण विधियाँ दी। ओशो के चाहने वाले पूरी दुनिया में फैले हुए हैं। इन्होंने ध्यान की कई विधियों के बारे बताया तथा ध्यान की शक्ति का अहसास करवाया है।हमें ध्यान क्यों करना चाहिए? ध्यान क्या है और ध्यान को कैसे किया जाता है। इनके बारे में ओशो ने अपने विचारों में विस्तार से बताया है। इनकी कई बार मंच पर निंदा भी हुई लेकिन इनके खुले विचारों से इनको लाखों शिष्य भी मिले। इनके निधन के 30 वर्षों के बाद भी इनका साहित्य लोगों का मार्गदर्शन कर रहा है।ओशो दुनिया के महान विचारकों में से एक माने जाते हैं। ओशो ने अपने प्रवचनों में नई सोच वाली बाते कही हैं। आचार्य रजनीश यानी ओशो की बातों में गहरा अध्यात्म या धर्म संबंधी का अर्थ तो होता ही हैं। उनकी बातें साधारण होती हैं। वह अपनी बाते आसानी से समझाते हैं मुश्किल अध्यात्म या धर्म संबंधीचिंतन को ओशो ने सरल शब्दों में समझया हैं।

u003cstrongu003eक्रांति सूत्रu0022 क्या है?u003c/strongu003e

क्रांति सूत्रu0022 ओशो द्वारा लिखित एक महत्वपूर्ण पुस्तक है जो आत्म-क्रांति और आंतरिक परिवर्तन के बारे में बात करती है। यह पुस्तक बताती है कि सच्ची क्रांति बाहरी दुनिया में नहीं, बल्कि हमारे भीतर होती है। इसमें ओशो अपने विचारों और दृष्टिकोण के माध्यम से मानसिक और आध्यात्मिक क्रांति का मार्गदर्शन देते हैं।

u003cstrongu003eइस पुस्तक का मुख्य विषय क्या है?u003c/strongu003e

पुस्तक का मुख्य विषय आंतरिक जागरूकता और आत्म-क्रांति है। ओशो ने बताया है कि सच्ची क्रांति तब होती है जब व्यक्ति अपने भीतर के अज्ञान, भ्रम और सीमाओं से मुक्त हो जाता है और आत्मज्ञान की ओर बढ़ता है।

u003cstrongu003eक्रांति सूत्रu0022 में ओशो का क्या दृष्टिकोण है?u003c/strongu003e

ओशो का दृष्टिकोण इस पुस्तक में यह है कि बाहरी परिवर्तन से अधिक महत्वपूर्ण आंतरिक परिवर्तन है। उन्होंने बताया है कि सच्ची क्रांति तब होती है जब व्यक्ति अपने भीतर के मोह, अज्ञानता और पूर्वाग्रहों को छोड़ता है और आत्मज्ञान की दिशा में कदम बढ़ाता है।

u003cstrongu003eक्या u0022क्रांति सूत्रu0022 से दैनिक जीवन में कोई बदलाव आ सकता है?u003c/strongu003e

हाँ, u0022क्रांति सूत्रu0022 से पाठक अपने जीवन में मानसिक शांति, आत्म-स्वीकृति और जागरूकता के माध्यम से सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं। यह पुस्तक आत्म-निर्माण और जीवन के गहरे अर्थों को समझने में मदद करती है।

u003cstrongu003eक्या यह पुस्तक किसी विशेष धर्म या विचारधारा से जुड़ी है?u003c/strongu003e

नहीं, u0022क्रांति सूत्रu0022 किसी एक विशेष धर्म या विचारधारा से जुड़ी नहीं है। ओशो की शिक्षाएँ सभी के लिए खुली हैं और वे किसी भी धार्मिक या सांस्कृतिक बाधाओं से परे हैं। यह पुस्तक व्यक्तिगत जागरूकता और आत्म-क्रांति पर केंद्रित है

Additional information

Weight 200 g
Dimensions 21.6 × 14 × 0.92 cm
Author

Osho

ISBN

8171823920

Pages

52

Format

Paperback

Language

Hindi

Publisher

Diamond Books

ISBN 10

8171823920

ओशो के प्रखर विचारों ने, ओजस्वी वाणी ने मनुष्यता के दुश्मनों पर, संप्रदायों पर, मताधीशों पर, अंधे राजनेताओं पर, जोरदार प्रहार किया। लेकिन पत्र-पत्रिकाओं ने छापी या तो ओशो पर चटपटी मनगढ़ंत खबरें या उनकी निंदा की, भ्रम के बादल फैलाए। ये भ्रम के बादल आए आ गए ओशो और लोगों के। जैसे सूरज के आगे बादल आ जाते हैं। इससे देर हुई। इससे देर हो रही है मनुष्य के सौभाग्य को मनुष्य तक पहुँचने में। — आशाकरन अटल (हास्य-व्यंग्य के सुप्रसिद्ध कवि)

ISBN10-8171823920

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