भंवर

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“जैसे ही करन की कार चंदनसेठ के आफिस की पार्किंग में आकर रूकी, उसने सबसे पहले कार के अंदर लगे छोटे शीशे में से अपनी सूरत देखी। फिर रूमाल निकालकर अपना चेहरा साफ किया। बाद में कंघी से बालों को संवारा। कार से बाहर निकला। एक बार चारों और नजर घुमाई। फिर कार को बंद करके बड़े ही नपे तुले कदम रखता हुआ चल दिया। इस वक्त कोई भी करन को देखकर यह नहीं कह सकता था कि यह वही करन था जो कुछ देर पहले बे-हिसाब स्पीड से कार भगा रहा था, ताकि जल्दी से जल्दी चंदनसेठ से जाकर मिले।

” कमलादेवी को शक क्यों है कि उनका बच्चा वह नहीं है, जो उनके पास है? चंदन सेठ की हत्या हो गई या वे बच गए। बच गए तो गायब क्यों हो गए?

कोपेनहेगन के राजकुमार कोहली का सनसनीखेज उपन्यास। ऐसी कहानी जिसे एक बार हाथ में ले लें तो पढ़े बिना छोड़ न सकेंगे।

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भंवर
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Bhanwar

Additional information

Author

Raj Kumar Kohli

ISBN

8171829767

Pages

128

Format

Paperback

Language

Hindi

Publisher

Diamond Books

ISBN 10

8171829767