Hanse Khele Na Karein Man Bhang (हंसे खेले न करे मन भंग)
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पुस्तक के बारे में:
इस पुस्तक में ओशो यह बताते हैं कि जीवन में हंसी और खेल का महत्व कितना बड़ा है। वे यह सुझाव देते हैं कि हमें अपने मन और सोच के नकारात्मक पहलुओं से दूर रहकर खुश रहने का प्रयास करना चाहिए। ओशो का मानना है कि हंसी एक गहरा अनुभव है जो हमें आत्मा के करीब लाता है और जीवन को सहज बनाता है।
मुख्य विचार:
- खुशी का अनुभव: ओशो का कहना है कि हमें जीवन में खेल और हंसी का अनुभव लेना चाहिए ताकि हम अपने भीतर की खुशी को महसूस कर सकें।
- आध्यात्मिक विकास: पुस्तक में ओशो ने यह भी बताया है कि कैसे हंसी और खुशी आध्यात्मिक विकास में सहायक हो सकती हैं।
लेखक के बारे में:
ओशो एक ऐसे आध्यात्मिक गुरू रहे हैं, जिन्होंने ध्यान की अतिमहत्वपूर्ण विधियाँ दी। ओशो के चाहने वाले पूरी दुनिया में फैले हुए हैं। इन्होंने ध्यान की कई विधियों के बारे बताया तथा ध्यान की शक्ति का अहसास करवाया है।हमें ध्यान क्यों करना चाहिए? ध्यान क्या है और ध्यान को कैसे किया जाता है। इनके बारे में ओशो ने अपने विचारों में विस्तार से बताया है। इनकी कई बार मंच पर निंदा भी हुई लेकिन इनके खुले विचारों से इनको लाखों शिष्य भी मिले। इनके निधन के 30 वर्षों के बाद भी इनका साहित्य लोगों का मार्गदर्शन कर रहा है।ओशो दुनिया के महान विचारकों में से एक माने जाते हैं। ओशो ने अपने प्रवचनों में नई सोच वाली बाते कही हैं। आचार्य रजनीश यानी ओशो की बातों में गहरा अध्यात्म या धर्म संबंधी का अर्थ तो होता ही हैं। उनकी बातें साधारण होती हैं। वह अपनी बाते आसानी से समझाते हैं मुश्किल अध्यात्म या धर्म संबंधीचिंतन को ओशो ने सरल शब्दों में समझया हैं।
क्या u0022हंसे खेले न करे मन भंगu0022 पुस्तक केवल हास्य और मनोरंजन पर आधारित है?
नहीं, यह पुस्तक केवल हास्य पर आधारित नहीं है। यह जीवन को सहज और प्रसन्नता से जीने के लिए गहरे जीवन-दर्शन और प्रेरणादायक दृष्टिकोण प्रदान करती है।
u0022हंसे खेले न करे मन भंगu0022 पुस्तक में दिए गए विचारों का दैनिक जीवन में क्या उपयोग है?
पुस्तक में सरल और व्यावहारिक सुझाव दिए गए हैं, जिन्हें अपनाकर लोग अपने जीवन में तनाव को कम कर सकते हैं और खुशहाल जीवन जी सकते हैं।
क्या u0022हंसे खेले न करे मन भंगu0022 पुस्तक में कहानियों या घटनाओं का भी उल्लेख किया गया है?
हां, पुस्तक में रोचक कहानियों और घटनाओं के माध्यम से जीवन के मूल्यवान पाठ सिखाए गए हैं।
u0022हंसे खेले न करे मन भंगu0022 किस प्रकार की शैली में लिखी गई है?
यह पुस्तक सरल और सहज शैली में लिखी गई है, जो पाठकों के दिल को छू लेती है और उन्हें आत्मनिरीक्षण के लिए प्रेरित करती है।
क्या u0022हंसे खेले न करे मन भंगu0022 पुस्तक में मानसिक स्वास्थ्य पर भी चर्चा की गई है?
हां, पुस्तक में मानसिक शांति और खुशी प्राप्त करने के उपायों पर भी चर्चा की गई है।
Additional information
Weight | 216 g |
---|---|
Dimensions | 21.59 × 13.97 × 0.81 cm |
Author | Osho |
ISBN | 9788171822447 |
Pages | 188 |
Format | Hard Bound |
Language | Hindi |
Publisher | Jr. Diamond |
ISBN 10 | 8171822444 |
परमात्मा अज्ञात नहीं है, यही धर्म और विज्ञान का भेद है। धर्म कहता है: जगत में तीन तरह की बातें हैं- ज्ञात, जो जान लिया गयाऋ अज्ञात, जो जान लिया जाएगा और अज्ञेय, जो न जाना गया है और न जाना जाएगा। विज्ञान कहता है: जगत में सिर्फ दो ही चीजें हैं – ज्ञात और अज्ञात। विज्ञान दो हिस्सों में बांटता है जगत को – जो जान लिया गया और जो जान लिया जाएगा। बस उस एक अज्ञेय शब्द में ही धर्म का सारा सार छुपा है। कुछ ऐसा भी है जो न जाना गया और न जाना जाएगा। क्योंकि उसका राज यह है कि उसे खोजनेवाला खो जाता है उसमें।
ISBN10-8171822444
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