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अरी मैं तो नाम के रंग चक्‍की-Ari Main To Nam Ke Rang Chhaki by osho

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जब हम ओशो के साहित्य को देखते हैं तो चमत्कृत रह जाते हैं, क्योंकि उसमें चेतना है। इसलिए हमें चमत्कार लगता है, हमें लगता है कि हममें भी अभी प्राण हैं। उस चेतना की प्रखर लहर पर बहाते हुए वे हमें ले जाते हैं, यही उनका जादू है।

— डॉ. बलदेव वंशी

ISBN10-8171822576

अरी, मैं तो नाम के रंग छकी
अरी मैं तो नाम के रंग चक्‍की-Ari Main To Nam Ke Rang Chhaki by osho
200.00 Original price was: ₹200.00.199.00Current price is: ₹199.00.

अरी मैं तो नाम के रंग चक्‍की” ओशो द्वारा लिखी गई एक अद्भुत पुस्तक है, जिसमें नामों और रंगों के माध्यम से जीवन की गहराई को समझाया गया है। ओशो का मानना है कि नाम केवल शब्द नहीं हैं, बल्कि वे हमारे अनुभव और पहचान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। यह पुस्तक पाठकों को आत्मा के वास्तविक स्वरूप और जीवन की गहराई को पहचानने के लिए प्रेरित करती है।

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अरी मैं तो नाम के रंग चक्‍की-Ari Main To Nam Ke Rang Chhaki By Osho
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About the Author

ओशो एक ऐसे आध्यात्मिक गुरू रहे हैं, जिन्होंने ध्यान की अतिमहत्वपूर्ण विधियाँ दी। ओशो के चाहने वाले पूरी दुनिया में फैले हुए हैं। इन्होंने ध्यान की कई विधियों के बारे बताया तथा ध्यान की शक्ति का अहसास करवाया है।
हमें ध्यान क्यों करना चाहिए? ध्यान क्या है और ध्यान को कैसे किया जाता है। इनके बारे में ओशो ने अपने विचारों में विस्तार से बताया है। इनकी कई बार मंच पर निंदा भी हुई लेकिन इनके खुले विचारों से इनको लाखों शिष्य भी मिले। इनके निधन के 30 वर्षों के बाद भी इनका साहित्य लोगों का मार्गदर्शन कर रहा है।
ओशो दुनिया के महान विचारकों में से एक माने जाते हैं। ओशो ने अपने प्रवचनों में नई सोच वाली बाते कही हैं। आचार्य रजनीश यानी ओशो की बातों में गहरा अध्यात्म या धर्म संबंधी का अर्थ तो होता ही हैं। उनकी बातें साधारण होती हैं। वह अपनी बाते आसानी से समझाते हैं मुश्किल अध्यात्म या धर्म संबंधीचिंतन को ओशो ने सरल शब्दों में समझया हैं।

यह पुस्तक किसने लिखी है?

अरी मैं तो नाम के रंग चक्‍की” ओशो द्वारा लिखी गई है, जो एक प्रख्यात गुरु और विचारक हैं। ओशो की शिक्षाएँ जीवन के विभिन्न पहलुओं पर गहराई से प्रकाश डालती हैं और पाठकों को आत्मज्ञान की ओर ले जाने का प्रयास करती हैं।

पुस्तक का मुख्य उद्देश्य क्या है?

इस पुस्तक का उद्देश्य नामों और रंगों के माध्यम से जीवन के गहरे अर्थ को उजागर करना है। ओशो बताते हैं कि नाम केवल शब्द नहीं हैं, बल्कि वे हमारे अस्तित्व के गहरे अनुभव का प्रतिनिधित्व करते हैं। यह पुस्तक पाठकों को आत्मा और पहचान की गहराई में जाने के लिए प्रेरित करती है।

ओशो ने इसमें नामों और रंगों को किस प्रकार से परिभाषित किया है?

ओशो ने नामों और रंगों को जीवन के अनुभव के गहरे पहलुओं के रूप में परिभाषित किया है। वह बताते हैं कि कैसे नाम हमारी पहचान को दर्शाते हैं और रंग हमारी भावनाओं और मानसिक स्थितियों का प्रतीक होते हैं। यह पुस्तक इन दोनों के महत्व को समझाने का प्रयास करती है।

इस पुस्तक से पाठक क्या सीख सकते हैं?

पाठक नामों और रंगों की गहराई को समझने, अपने अस्तित्व को पहचानने, और आध्यात्मिकता की दिशा में अग्रसर होने का ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं। ओशो की शिक्षाएँ पाठकों को जीवन के अनकहे पहलुओं को देखने के लिए प्रेरित करती हैं। यह पुस्तक आत्मिक विकास और पहचान के लिए एक अनमोल संसाधन है।

Additional information

Weight 435 g
Dimensions 21.59 × 13.97 × 1.93 cm
Author

Osho

ISBN

9788171822577

Pages

368

Format

Paperback

Language

Hindi

Publisher

Diamond Books

ISBN 10

8171822576