Samveda : (सामवेद)

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वेद विश्व-साहित्य के प्राचीनतम ग्रन्थ हैं – आदि ग्रन्थ एवं ईश्वरीय-ज्ञान हैं।
यद्यपि वेदों का अधिक भाग उपासना एवं कर्म -काण्ड से सम्बद्ध है; किन्तु इनमें यथास्थान आत्मा- परमात्मा, प्रकृति, समाज – संगठन, धर्म – अधर्म, ज्ञान-विज्ञान तथा जीवन के मूलभूत सिद्धान्तों एवं जीवनोपयोगी शिक्षाओं तथा उपदेशों का भी प्रस्तुतीकरण है। चारों वेदों में सर्वाधिक प्रशस्त है – सामवेद। गीता में श्रीकृष्ण ने इसे अपनी विभूति बताते हुए कहा है – ‘मैं वेदों में सामवेद हूं।’ मानव-धर्म के मूल; वेदों का ज्ञान जन-सामान्य तक पहुंचा देने के उद्देश्य से ‘सामवेद’ सरल हिन्दी भाषा में प्रस्तुत है।

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Samveda : (सामवेद)
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वेद विश्व-साहित्य के प्राचीनतम ग्रन्थ हैं – आदि ग्रन्थ एवं ईश्वरीय-ज्ञान हैं।
यद्यपि वेदों का अधिक भाग उपासना एवं कर्म -काण्ड से सम्बद्ध है; किन्तु इनमें यथास्थान आत्मा- परमात्मा, प्रकृति, समाज – संगठन, धर्म – अधर्म, ज्ञान-विज्ञान तथा जीवन के मूलभूत सिद्धान्तों एवं जीवनोपयोगी शिक्षाओं तथा उपदेशों का भी प्रस्तुतीकरण है। चारों वेदों में सर्वाधिक प्रशस्त है – सामवेद। गीता में श्रीकृष्ण ने इसे अपनी विभूति बताते हुए कहा है – ‘मैं वेदों में सामवेद हूं।’ मानव-धर्म के मूल; वेदों का ज्ञान जन-सामान्य तक पहुंचा देने के उद्देश्य से ‘सामवेद’ सरल हिन्दी भाषा में प्रस्तुत है।

Additional information

Author

Raj Bahadur Pandey

ISBN

9788171826698

Pages

208

Format

Paperback

Language

Hindi

Publisher

Diamond Books

Amazon

https://www.amazon.in/dp/8171826695

Flipkart

https://www.flipkart.com/samveda/p/itm610c380e901f5?pid=9788171826698

ISBN 10

8171826695